एकादशी के व्रत से भी हजार गुना फलदायक है जन्माष्टमी का व्रत, जाप से मिलेंगे दोगुने फायदे

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हर साल भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव देशभर में बेहद ही उल्लास और उमंग के साथ मनाया जाता है। (krishna janmasthmi)भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद की अष्टमी तिथि के रोहिणी नक्षत्र में देवकी के गर्भ से हुआ था। इस दिन लोग व्रत रहकर पूरे नियम के साथ श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं। पूजा के साथ साथ लोग भगवान को तमाम मेवा, 56 भोग का प्रसाद भी चढ़ाते हैं। इस दिन लोग भगवान श्रीकृष्ण को माखन मिश्री का भोग भी लगाते हैं क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण को माखन मिश्री अत्यंत प्रिय है।

हजार एकादशी के समान माना जाता है श्रीकृष्ण का ये व्रत

वैसे तो शास्त्रों के अनुसार एकादशी का व्रत सभी व्रतों में सबसे ज्यादा मोक्ष के रूप में माना जाता है लेकिन ये व्रत करना आसान नहीं होता है तो अगर आप भी एकादशी का व्रत नहीं कर पाते हैं तो आप लोग जन्माष्टमी (krishna janmasthmi) का व्रत करके एकादशी के समान पुण्य अर्जित कर सकते हैं।

जाप से मिलेगी दोगुने फल की प्राप्ति

जन्माष्टमी के दिन ध्यान,जाप और रात्रि जागरण से दोगुने फल की प्राप्ति होती है तो ऐसे में आप लोग भी रात्रि जागरण कर के और भगवान श्रीकृष्ण का जाप करके शुभ और अन्नत फल की प्राप्ति कर सकते हैं।

समय से पहले मृत्यु से मिलती है मुक्ति

भविष्यपुराण के अनुसार जन्माष्टमी पर व्रत रखने से समय से पहले की मृत्यु से मुक्ति मिलती है। वहीं अगर कोई स्त्री गर्भवती हो और वो जन्माष्टमी का व्रत रखे तो उसके बच्चे की रक्षा होती है और श्रीकृष्ण का आर्शीवाद भी उस गर्भवती स्त्री को प्राप्त होता है।

इन बातों का भी रखें खास ख्याल

जन्माष्टमी का व्रत पूरी श्रद्धा और आस्था भाव के साथ रखें। क्योंकि भगवान केवल प्रेम के भूखे होते हैं। उन्हें श्रद्धा के साथ जो भी अर्पित करेंगे वे उसे अवश्य स्वीकार करते हैं। इसके अलावा व्रत वाले दिन ईश्वर का ज्यादा से ज्यादा ध्यान करें। संभव हो तो गीता पढ़ें या सुनें। पूजा के दौरान श्रीकृष्ण को पंचामृत और तुलसी पत्र जरूर अर्पित करें। किसी की चुगली न करें और न ही झूठ बोलें और न ही किसी को सताएं।