
हाइलाइट्स :-
- यूपी को जगद्गुरु ने बताया मिनी पाकिस्तान।
- हर घर में हिंदू धर्म की पाठशाला जरूरी।
- संस्कृत और नारी सम्मान पर जोर दिया।
Rambhadracharya Statement : मेरठ में गुरुवार को आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्य ने अपने प्रवचन के दौरान तीखे शब्दों में समाज की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताई. कथा आरंभ से पूर्व चरण पादुका पूजन किया गया, जिसके बाद उन्होंने हिंदू समाज से मुखर और संगठित होने की अपील की.
उत्तर प्रदेश लगता है मिनी पाकिस्तान
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म आज अपने ही देश में संकट का सामना कर रहा है. “हम उस न्याय को अपने धर्म को नहीं दे पा रहे, जिसकी उसे आवश्यकता है. उत्तर प्रदेश की स्थिति तो अब ‘मिनी पाकिस्तान’ जैसी लगने लगी है.” उन्होंने हर घर को धर्म और संस्कृति की पाठशाला बनाने का संदेश दिया और कहा कि अब समय आ गया है कि हम चुप रहने के बजाय बोलें.
जगद्गुरु ने युवाओं को सीधे संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें संस्कृत और भारतीय संस्कृति की ओर लौटना होगा. “अगर आप संस्कार चाहते हैं, तो आपको संस्कृत पढ़नी होगी. शोभा कपड़ों या डियो से नहीं, संस्कारों से आती है.” उन्होंने चित्रकूट में संस्कृत शिक्षा गुरुकुल की शुरुआत की घोषणा भी की, जिसमें बच्चों को पारंपरिक शिक्षा दी जाएगी.
भारत ने सीख लिया है जवाब देना
जम्मू-कश्मीर की हालिया घटनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जब श्रद्धालुओं को सिर्फ उनके धर्म के आधार पर मारा गया, तो भारत ने भी जवाब देना सीख लिया है. “अब हम किसी को छेड़ेंगे नहीं, लेकिन अगर कोई छेड़ेगा तो छोड़ेंगे भी नहीं,” उन्होंने दो टूक कहा.
अपने प्रवचन में उन्होंने बीरबल और अकबर की एक कथा का उल्लेख करते हुए बताया कि भगवान क्यों अवतार लेते हैं. “जब संतान पर संकट आता है, तो पिता खुद उतरता है. ठीक वैसे ही भगवान अपने भक्तों के लिए अवतार लेते हैं.”
नई संसद भवन से महिलाओं को मिला सम्मान
नारी सम्मान की बात करते हुए उन्होंने मनुस्मृति का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी नारी की पूजा का ही उल्लेख है. “महिलाओं को उनका अधिकार देना ही उनकी सच्ची पूजा है,” उन्होंने कहा. इसके साथ उन्होंने नई संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर महिलाओं को मिले 33% आरक्षण की भी सराहना की.
अंत में उन्होंने कहा कि भगवान केवल वही वरदान देते हैं जो भक्त की प्रतिष्ठा बढ़ाए. “सच्चा भक्त वही है जो ज्ञानी हो, और सच्चा ज्ञानी वही है जो भगवान का भक्त हो,” उन्होंने कहा.
मेरठ में हुए इस धार्मिक कार्यक्रम में जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्य ने सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर खुलकर विचार रखे. उनके वक्तव्य जहां एक ओर धार्मिक आस्था से जुड़े रहे, वहीं दूसरी ओर समाज के विभिन्न पहलुओं पर जागरूकता लाने का प्रयास भी नजर आया. कार्यक्रम में पारंपरिक मूल्यों, शिक्षा और नारी सम्मान जैसे विषयों पर जोर देते हुए, उन्होंने दर्शकों से अपने धर्म और संस्कृति के प्रति सजग रहने की अपील की.
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