
ICAE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीएई) का उद्घाटन किया. इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे। वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा भारत जितना प्राचीन है उतनी ही प्राचीन कृषि और भोजन को लेकर हमारी मान्यताएं हैं, हमारे अनुभव हैं। भारतीय कृषि परंपरा में विज्ञान को प्राथमिकता दी गई है. हजारों साल पहले हमारे ग्रंथों में कहा गया है कि सभी पदार्थों में अन्न श्रेष्ठ है इसलिए अन्न को सभी औषधियों का स्वरूप उनका मूल कहा गया है.
भारत कृषि शिक्षा और अनुसंधान का एक मजबूत इकोसिस्टम बना
पीए मोदी ने कहा, भारत में कृषि से जुड़ी शिक्षा और अनुसंधान से जुड़ा एक मजबूत इकोसिस्टम बना हुआ है। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के ही 100 से ज्यादा रिसर्च संस्थान हैं…भारत में कृषि और उससे संबंधित विषयों की पढ़ाई के लिए 500 से ज्यादा कॉलेज हैं। भारत में 700 से ज्यादा कृषि विज्ञान केंद्र हैं जो किसानों तक नई तकनीक पहुंचाने में मदद करते हैं.
आज भारत एक खाद्य अधिशेष वाला देश है- पीएम मोदी
उन्होंने आगे कहा, पिछली बार जब ICAE सम्मेलन भारत में हुआ था वो भारत की कृषि और खाद्य सुरक्षा को लेकर चुनौतीपूर्ण समय था। भारत को नई-नई आज़ादी मिली थी. आज भारत एक खाद्य अधिशेष वाला देश है। आज भारत दूध, दाल और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक है…आज भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा और वैश्विक पोषण सुरक्षा के समाधान देने में जुटा है.
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