देश का चालू खाता घाटा दूसरी तिमाही में घटकर जीडीपी का रहा एक प्रतिशत : RBI

New Delhi : देश के चालू खाते के घाटे में कमी आई है। यह चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कम होकर सकल घरेलू उत्पाद का एक प्रतिशत यानी 8.3 अरब डॉलर रहा। मुख्य रूप से वस्तुओं के व्यापार का घाटा कम होने तथा सेवा निर्यात बढ़ने से चालू खाते का घाटा कम हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक के जारी आंकड़ों के अनुसार चालू खाते का घाटा बीते वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 3.8 प्रतिशत यानी 30.9 अरब डॉलर रहा था।
जीडीपी 9.2 अरब डॉलर रहा
कैड विदेश भेजे गये धन और देश में विदेशों से प्राप्त राशि के बीच अंतर को बताता है। यह चालू वित्त वर्ष की पहली अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी का 1.1 प्रतिशत यानी 9.2 अरब डॉलर रहा था। भारत के चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान भुगतान संतुलन की स्थिति पर जारी आंकड़ों के अनुसार, कैड चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में कम हुआ है। इसका कारण वस्तु व्यापार घाटे (वस्तु निर्यात-आयात का अंतर) का कम होना है। यह 2023-24 की दूसरी तिमाही में 61 अरब डॉलर रहा जो 2022-23 की दूसरी तिमाही में 78.3 अरब डॉलर था।
रिजर्व बैंक ने क्या आंकड़ें दिए?
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, सॉफ्टवेयर निर्यात, व्यापार और यात्री सेवाएं बढ़ने से सेवा निर्यात सालाना आधार पर 4.2 प्रतिशत बढ़ा। शुद्ध सेवा प्राप्तियां तिमाही के साथ सालाना आधार पर भी बढ़ी हैं। वस्तु व्यापार घाटा कम होने से चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कैड नरम होकर एक प्रतिशत रहा जो एक साल पहले इसी अवधि में 2.9 प्रतिशत था। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान प्राथमिक आय खाता मद में शुद्ध रूप से निकासी बढ़कर 12.2 अरब डॉलर रही जो एक साल पहले इसी अवधि में 11.8 अरब डॉलर थी।
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