
फटाफट पढ़ें
- मांझी ने अकेले लड़ने की बात को नकारा
- एनडीए में सीट बंटवारे पर जल्द फैसला
- चिराग की सीट मांग पर मांझी नाराज
- विपक्षी दलों ने बनाई चुनावी रणनीति
- 15 सितंबर तक फैसला होने की उम्मीद
Bihar News : हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने स्पष्ट किया कि बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने का उनका बयान वास्तविकता पर आधारित नहीं था, बल्कि केवल पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए दिया गया था.
दिल्ली में हाल ही में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में जीतन राम मांझी के भाषण से सियासी हलचल मची थी, लेकिन अब उन्होंने साफ कर दिया है कि राजग में किसी तरह का मतभेद नहीं है और सभी दल मिलकर चुनावी मैदान में उतरेंगे. जीतन राम मांझी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनका मकसद केवल कार्यकर्ताओं को प्रेरित करना था. उन्होंने कहा, “जरूरत पड़ने पर हम 243 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन हमारी प्राथमिकता यही है कि NDA एकजुट होकर बेहतर प्रदर्शन करे.” उन्होंने बताया कि सीट बंटवारे का फॉर्मूला उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद तय होगा.
अधिक सीटों की मांग पर मांझी ने नाराजगी जताई
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान द्वारा 40 से अधिक सीटों की मांग पर मांझी ने नाराजगी भी जताई. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 2020 में पासवान की बगावत के कारण जेडीयू की सीटें प्रभावित हुई थीं.
वहीं विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में करीब तीन घंटे चली बैठक में सभी दलों ने अब तक की रणनीति पर चर्चा की. कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने इस बैठक के बाद कहा कि “वोटर अधिकार यात्रा” सफल रही और जनता का माहौल सकारात्मक है. कांग्रेस, आरजेडी, तीन वाम दल और वीआईपी इस गठबंधन में शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अल्लावरु ने कहा कि कुछ और दलों को साथ लाने की कोशिश जारी है. उन्होंने गठबंधन के सहयोगियों से त्याग और सामंजस्य की अपील भी की है.
15 सितंबर तक फैसला होने की उम्मीद
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने सीट बंटवारे पर जल्द फैसले के संकेत दिए, जबकि वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी ने कहा कि15 सितंबर तक इस मसले पर अंतिम फैसला हो जाएगा.
मांझी और विपक्षी नेताओं के बयानों से साफ है कि बिहार में चुनावी माहौल अब तेजी से गर्माने लगा है. जहां राजग में सीटों को लेकर खींचतान की संभावना है, वहीं विपक्षी गठबंधन भी दलों को साधने की कवायद में जुटा है. ऐसे में आने वाले दो हफ्तों में बिहार की सियासत में बड़े समीकरण तय हो सकते हैं.
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