
Punjab floods : अमृतसर ज़िले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद पंजाब के कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रधान श्री अमन अरोड़ा ने केंद्र सरकार से 60,000 करोड़ रुपये की रोकी हुई राशि तुरंत जारी करने और राज्य के बाढ़ पीड़ितों के लिए मुआवज़ा राशि में तीन गुना वृद्धि करने की मांग की है. अजनाला और रामदास के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद श्री अरोड़ा ने रविवार को अमृतसर के सर्किट हाउस में लोक निर्माण मंत्री स हरभजन सिंह ई.टी.ओ. और विधायक स कुलदीप सिंह धालीवाल के साथ एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस को संबोधित किया.
उन्होंने बाढ़ से हुए नुकसान का जायज़ा लिया और ज़िला प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों का निरीक्षण किया. उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता पर ज़ोर दिया. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार लगातार लोगों, उनके पशुओं और सामान की रक्षा करने के साथ-साथ भोजन और दवाइयों जैसी ज़रूरी आपूर्ति उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है. बाढ़ से हुए नुक़सान का आकलन करने की प्रक्रिया जारी है.
बाढ़ से तबाह पंजाब को तुरंत राहत पैकेज देने की मांग
बाढ़ से बने संकट पर प्रकाश डालते हुए श्री अरोड़ा ने कहा कि लगभग तीन लाख एकड़ कृषि भूमि, जिस पर अधिकतर धान की खेती थी, जलभराव से प्रभावित है. कटाई से महज़ कुछ हफ़्ते पहले आई इस प्राकृतिक आपदा से फ़सलों को भारी नुक़सान हुआ है. इसके अतिरिक्त, पशुधन की हानि ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और भी बड़ी चोट पहुँचाई है.
भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए श्री अमन अरोड़ा ने केंद्र पर पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि केंद्र सरकार को इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए तुरंत सहायता प्रदान करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि हाल ही में केंद्र सरकार ने पंजाब में 828 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की परियोजना को रद्द कर दिया, जिसका लंबे समय तक ग्रामीण संपर्क सड़कों पर बेहद बुरा असर होगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान पहले ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं, जिसमें बाढ़ प्रभावित परिवारों की सहायता हेतु हस्तक्षेप करने और फंड जारी करने की अपील की गई है.
फसल और मकान का मुआवजा बढ़ाने की मांग
अमन अरोड़ा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि बाढ़ पीड़ितों के लिए मौजूदा मुआवज़ा काफ़ी नहीं है. उन्होंने बताया कि फ़सलों के नुक़सान के लिए वर्तमान में प्रति एकड़ 6,800 रुपये दिए जाते हैं, जो अन्नदाता के साथ मज़ाक है. इसके अलावा क्षतिग्रस्त मकान के लिए 1.20 लाख रुपये और मृत्यु की स्थिति में 4 लाख रुपये की राशि बेहद कम है. उन्होंने मांग की कि फ़सल के नुक़सान का मुआवज़ा किसानों को प्रति एकड़ 50 हज़ार रुपये दिया जाना चाहिए. इसी प्रकार अन्य नुकसानों के लिए भी मुआवज़ा उचित रूप से बढ़ाया जाना चाहिए.
पंजाब को नहीं मिला केंद्र से कोई विशेष पैकेज
अरोड़ा ने बताया कि जीएसटी शासन लागू होने के बाद पंजाब को पिछले वर्षों में लगभग 50,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुक़सान हुआ है और ग्रामीण विकास फंड (आर.डी.एफ.) तथा मार्केट विकास फंड (एम.डी.एफ.) में 8,000 करोड़ रुपये रोक दिए गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि इन तथ्यों के बावजूद केंद्र सरकार ने राज्य को न तो कोई मुआवज़ा दिया और न ही विशेष पैकेज.
अमन अरोड़ा ने पंजाब भाजपा नेतृत्व से अपील की कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में केवल फोटो खिंचवाने की बजाय राज्य के लिए केंद्र सरकार से विशेष पैकेज दिलाने का दबाव बनाएँ. उन्होंने ज़ोर देकर कहा – “यह समय है जब केंद्र सरकार को इस आवश्यकता की घड़ी में पंजाब की सहायता के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.”
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