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गुरु तेग बहादर जी के 350वें शहीदी दिवस पर बड़ी पहल – हरजोत बैंस ने मांगी श्री आनंदपुर साहिब के लिए अतिरिक्त रेल सेवाएं

Guru Teg Bahadur 350th Shaheedi Divas : पंजाब के शिक्षा मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस ने केंद्रीय रेल मंत्रालय से पवित्र नगरी श्री आनंदपुर साहिब के लिए रेल सेवाएँ बढ़ाने की अपील की है. यह मांग उन्होंने श्री गुरु तेग बहादर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के मौके पर रखी, ताकि देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को यात्रा में कोई असुविधा न हो.


श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेल सेवाएं दोगुनी करने की अपील

स. हरजोत सिंह बैंस ने केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री श्री रवनीत सिंह बिट्टू को लिखे पत्र में बताया कि इस ऐतिहासिक अवसर पर एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. उन्होंने नई दिल्ली से चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस की सेवाओं को 15 नवंबर से 30 नवंबर 2025 तक दोगुना करने की मांग की. साथ ही उन्होंने देश के प्रमुख धार्मिक केंद्रों – तख्त श्री पटना साहिब, तख्त श्री हजूर साहिब नांदेड़, श्री अमृतसर साहिब और अन्य प्रमुख शहरों – से विशेष रेलगाड़ियाँ चलाने की अपील की.


श्री आनंदपुर साहिब की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्ता

शिक्षा मंत्री ने बताया कि श्री आनंदपुर साहिब सिर्फ एक धार्मिक स्थान नहीं, बल्कि मानवता और मज़हबी आज़ादी की मिसाल है. यहीं पर श्री गुरु तेग बहादर साहिब जी ने अत्याचार झेल रहे कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए अपनी अंतिम यात्रा दिल्ली की ओर आरंभ की थी. और यही वो पावन धरती है जहाँ गुरु जी का पवित्र शीश भाई जैता जी (बाबा जीवन सिंह जी) द्वारा श्रद्धा से लाकर अंतिम संस्कार किया गया था.


हर श्रद्धालु तक पहुंचे सहज यात्रा की सुविधा

स. बैंस ने कहा, “यह पवित्र भूमि उस कुर्बानी का प्रतीक है जिसने हमारे राष्ट्र को नई दिशा दी. हमारा फर्ज़ है कि इस अवसर पर माथा टेकने आने वाले हर श्रद्धालु को यात्रा में कोई कठिनाई न हो.”

उन्होंने बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस पहले से दिल्ली से श्री आनंदपुर साहिब होकर अंब अंदौरा तक जाती है, इसलिए इस ऐतिहासिक अवसर पर इसकी सेवाओं की आवृत्ति दोगुनी की जानी चाहिए.


धार्मिक एकता और नैतिक साहस को सम्मान देने की पहल

अंत में शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह पहल केवल यातायात व्यवस्था का सवाल नहीं, बल्कि गुरु साहिब की शहादत और धार्मिक एकता को सम्मान देने का कार्य है. उन्होंने कहा, “सभी धर्मों की रक्षा के लिए शहादत देने वाले गुरु साहिब के चरणों में नतमस्तक होने वाली संगत को सुगम यात्रा सुविधा देना, हमारे नैतिक साहस का प्रतीक है.”


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