
Wayanad : वायनाड सीट से प्रियंका गांधी ने 23 अक्टूबर को नामांकन दाखिल किया था। इसी कड़ी में राहुल गांधी ने रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि संविधान गुस्से या नफरत से नहीं लिखा गया था। इसे उन लोगों ने लिखा था जिन्होंने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी, जिन लोगों ने कष्ट झेले, जिन्होंने कई साल जेल में बिताए।
राहुल गांधी ने कहा कि मैं पहली बार अपनी बहन के लिए प्रचार करने आया हूं, अब तक वही मेरे लिए प्रचार करती थी। मै जब यहां सांसद रहा तो आपकी बहन, बेटी या मां नहीं बन सका। लेकिन अब मेरी बहन ये तीनों भूमिकाएं निभाएंगी। मैं भाग्यशाली हूं कि वह मेरी बहन हैं। अब, आप भी भाग्यशाली हैं कि वह मेरी बहन हैं। वह आपकी बहन की तरह, आपकी मां की तरह, आपकी बेटी की तरह होंगी। इसलिए मुझे विश्वास है कि अब आपके पास सबसे अच्छी सांसद है जो आपको मिल सकती थी।
‘उन्होंने संविधान को विनम्रता, प्रेम और स्नेह के साथ लिखा’
राहुल गांधी ने कहा कि आज देश में मुख्य लड़ाई हमारे देश के संविधान की लड़ाई है। हमें जो सुरक्षा मिलती है, हमारे देश की महानता, सब संविधान से ही आई है। संविधान गुस्से या नफरत से नहीं लिखा गया था। इसे उन लोगों ने लिखा था जिन्होंने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी, जिन लोगों ने कष्ट झेले, जिन्होंने कई साल जेल में बिताए। और उन्होंने संविधान को विनम्रता, प्रेम और स्नेह के साथ लिखा।’ लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि यह प्रेम और घृणा के बीच की लड़ाई है।
‘घृणा को हटाकर और…’
राहुल गांधी ने कहा कि यह आत्मविश्वास और असुरक्षा के बीच की लड़ाई है। और अगर आप वास्तव में इस लड़ाई को जीतना चाहते हैं, तो आपको अपने दिल से क्रोध, घृणा को हटाकर और उसकी जगह प्रेम, विनम्रता और करुणा को लाना होगा।’ राहुल गांधी ने अपनी बहन के गुणों के बारे में बात करते हुए अपने बचपन की पुरानी यादें साझा कीं। ‘यह वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने मेरे पिता (राजीव गांधी) की हत्या में शामिल लड़की को गले लगाया था। नलिनी से मिलने के बाद जब वह वापस आईं, तो भावुक हो गईं और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे उनके लिए बुरा लग रहा है।
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