Kerala के कोच्चि में लॉकडाउन जैसे हालात, जानिए क्या है वजह

जहरीले धुएं का ऐसा मंजर, जिसे सुन आप भी दंग रह जाएंगे। केरल के कोच्चि शहर में इन दिनों लॉकडाउन जैसे हालात हैं। यहां बहुत कम लोग ही सड़कों पर निकल रहे हैं। जो बाहर नजर आ रहे हैं, उनके चेहरे पर भी मास्क लगा नजर आ रहा है। हालत यह है कि बच्चों-बूढ़ों को घर में पूरी तरह से कैद कर दिया है। यह सब कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण नहीं, बल्कि यहां के एक डंपिंग यार्ड में आग लगने की वजह से है। दरअसल, ब्रह्मपुरम इलाके में एक डंपिंग यार्ड में एक हफ्ते पहले आग लगी थी जिसका जहरीला धुआं पूरे इलाके में फैल गया है। आठ से ज्यादा दिन हो गए हैं लेकिन लोगों को राहत नहीं है। दूसरे शब्दों में कहें तो यहां के लोगों की जिंदगी नरक बन गई है। जहरीले धुएं के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ़ के साथ आंखों-गले में जलन महसूस हो रही है।
स्कूल-कॉलेजों को ऐहतियातन बंद किया गया
आग बुझाने के काम में मदद के लिए भारतीय वायुसेना ने एक एमआई 17 हेलीकॉप्टर को भी लगाया गया है। कोच्चि और पड़ोस के एर्नाकुलम ज़िले में सभी स्कूल-कॉलेज एहतियात के तौर पर बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। DMO कार्यालय में 24 घंटे के नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं। केरल सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। लोगों को घर के बाहर जॉगिंग और व्यायाम से परहेज करने की सलाह दी गई हैं। साथ ही बाहर जाने पर N95 मास्क का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
लोगों को घर से न निकलने की सलाह दी गई
ब्रह्मपुरम और इसके आस-पास के इलाकों में हवा जहरीली होने से केरल सरकार ने वहां के निवासियों से अनुरोध किया है कि वे घर के अंदर रहें और खिड़की-दरवाजे खुले न छोड़ें। जानकारों का मानना है कि ये ज़हरीली धुआं, कैंसर जैसी कई घातक बीमारियों का कारण बन सकता है.दमकल की 200 गाड़ियां आग बुझाने के मिशन में लगी हैं। करीब 50 हज़ार टन कचरे में आग लगी है। दमकल विभाग के सूत्रों के मुताबिक, 70 फ़ीसदी क्षेत्र सुलगते प्लास्टिक कचरे को बुझा दिया गया। बाकी 30 फ़ीसदी इलाके में धुएं को कंट्रोल करने का काम चल रहा है।
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