Uttar Pradesh

राहुल गांधी ने फतेहपुर में हरिओम वाल्मीकि के परिवार से की मुलाकात, न्याय और हर संभव मदद का दिया भरोसा

फटाफट पढ़ें

  • राहुल गांधी फतेहपुर में परिवार से मिले
  • परिवार ने राजनीति में न आने की बात कही
  • राहुल ने मदद और न्याय का भरोसा दिया
  • पुलिस ने मिलने में बाधा डाली थी
  • बहन को नौकरी का पत्र पहले सौंपा गया

Rahul Gandhi : उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुई भीड़ हिंसा में मारे गए दलित हरिओम वाल्मीकि के परिजनों से शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मुलाकात की. राहुल गांधी फतेहपुर उनके घर पहुंचे और परिवार से बाचचीत की.

राहुल गांधी के फतेहपुर पहुंचने से पहले हरिओम वाल्मीकि के परिवार का बयान वायरल हुआ था. बयान में परिवार ने कहा कि वे राजनीति में शामिल नहीं होना चाहते और सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट हैं. इस कारण उन्होंने राहुल से मिलने से इनकार कर दिया था और विरोध स्वरूप पोस्टर भी लगाए थे. इसके बावजूद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने परिवार से मुलाकात की, जिसके दौरान कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था भी की गई थी.

हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिया

राहुल गांधी ने हरिओम वाल्मीकि के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिया, उन्होंने कहा कि परिवार को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस कोर्ट तक पीड़ित परिवार की मदद करेगी. परिजनों ने अभी तक सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है, जो पुलिस पकड़ से दूर हैं. राहुल ने यह भी बताया कि सरकार के दबाव में पुलिस-प्रशासन ने उन्हें हरिओम वाल्मीकि के पिता से मिलने न देने का प्रयास किया.

शुभम द्विवेदी के परिवार का हालचाल जाना

बता दें कि इससे पहले कानपुर पहुंचने पर राहुल गांधी ने एयरपोर्ट पर स्थानीय नेताओं से पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी के परिवार का हालचाल जाना, उन्हें बताया गया कि शुभम का परिवार पाक टीम के साथ क्रिकेट खेलने का विरोध कर रहा था और मैच के बाद उन्होंने अपनी निराशा व्यक्त की थी. राहुल गांधी दो दिन पहले दिवंगत हुए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल मन्नान के बेटों से भी मिले. इसके बाद वह फतेहपुर के लिए कार से रवाना हुए.

बहन को नौकरी का पत्र पहले सौंपा गया

राहुल गांधी रायबरेली में उन परिजनों से मिले, जहां हरिओम वाल्मीकि को चोर होने के शक में पीट-पीटकर मार दिया गया था. हरिओम के मोहल्ले तुराबअली का पुरवा में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. राहुल गांधी के आने से पहले जिला प्रशासन ने मृतक की बहन को आउट सोर्सिंग नर्स के रूप में सरकारी नौकरी का पत्र भी सौंपा.

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