
Punjab News : पंजाब राज्य अनुसूचित जातियां आयोग के चेयरमैन सरदार जसवीर सिंह गढ़ी ने एक गंभीर मामले में साहिबजादा अजीत सिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को व्यक्तिगत रूप से सुनवाई के लिए उपस्थित होने और तथ्यों पर आधारित रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है. यह कार्रवाई एक सरकारी कर्मचारी द्वारा जातिसूचक टिप्पणियों के आरोप से संबंधित शिकायत के बाद की गई है, जिसमें पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने का मामला सामने आया है.
जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल
आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि डॉ. संदीप कौर, सहायक निदेशक, भौतिक/ऑडियो फॉरेंसिक साइंस प्रयोगशाला, फेज-4, मोहाली (जिला साहिबजादा अजीत सिंह नगर), ने 20 जनवरी 2025 को लिखित शिकायत दर्ज की थी. शिकायत में आरोप लगाया गया कि उनके कार्यालय प्रमुख अश्वनी कालिया ने उनके खिलाफ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया. इस मामले में जिला अटॉर्नी ने भी मामला दर्ज करने की सिफारिश की थी, लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की.
आयोग का आदेश
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आ अगली सुनवाई की तारीख 4 अगस्त 2025 निर्धारित की है. प्रवक्ता ने बताया कि साहिबजादा अजीत सिंह नगर के एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस को तथ्यों पर आधारित पूर्ण रिपोर्ट के साथ व्यक्तिगत रूप से सुनवाई में उपस्थित होने के आदेश जारी किए गए हैं. यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि शिकायत पर उचित कार्रवाई हो और पीड़ित को न्याय मिले.
आयोग की प्रतिबद्धता
अनुसूचित जातियों के अधिकारों की रक्षा और उनके खिलाफ भेदभाव को रोकने के लिए आयोग ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है. इस मामले में आयोग का यह कड़ा रुख दर्शाता है कि वह ऐसी शिकायतों को गंभीरता से लेता है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय है.
आयोग की संवेदनशीलता को दर्शाता मामला
यह मामला न केवल अनुसूचित जातियों के प्रति भेदभाव के मुद्दे को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि पंजाब राज्य अनुसूचित जातियां आयोग इस तरह की शिकायतों के प्रति कितना संवेदनशील और सक्रिय है. आगामी सुनवाई में एसएसपी की उपस्थिति और उनकी रिपोर्ट से इस मामले में आगे की कार्रवाई की दिशा तय होगी. यह कदम न केवल पीड़ित को न्याय दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज में समानता और सम्मान को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक सकारात्मक संदेश देता है.
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