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पंजाब में नशे के खिलाफ युद्ध जारी,399 स्थानों पर छापेमारी,116 ड्रग तस्कर गिरफ्तार

War Against Drugs : पंजाब में नशे के खिलाफ चल रही मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की ‘युद्ध नशिय़ां विरुद्ध’ मुहिम के 155वें दिन भी जोरदार कार्रवाई जारी रही. रविवार को पंजाब पुलिस ने राज्य के 28 पुलिस जिलों में एक साथ 399 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें 116 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया और 75 प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गईं. इस अभियान के तहत अब तक 24,499 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है.


छापेमारी में भारी मात्रा में नशीले पदार्थ जब्त

पंजाब पुलिस की इस कार्रवाई में तस्करों के कब्जे से 1.7 किलोग्राम हेरोइन, 1 किलोग्राम अफीम, 298 किलोग्राम भुक्की, 37,085 नशीली गोलियां/कैप्सूल और 11.88 लाख रुपये की ड्रग मनी जब्त की गई. यह कार्रवाई नशे की आपूर्ति श्रृंखला को तोड़ने और नशा तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.


डीजीपी गौरव यादव के निर्देश पर कार्रवाई

यह राज्यव्यापी ऑपरेशन पंजाब पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव के निर्देश पर आयोजित किया गया. विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने बताया कि 180 से अधिक पुलिस टीमों, जिसमें 1300 से ज्यादा पुलिस कर्मी और 77 राजपत्रित अधिकारी शामिल थे, ने इस छापेमारी को अंजाम दिया. इस दौरान 433 संदिग्ध व्यक्तियों की जांच भी की गई.


तीन-आयामी रणनीति: प्रवर्तन, नशामुक्ति और रोकथाम

पंजाब सरकार ने नशे को जड़ से खत्म करने के लिए तीन-आयामी रणनीति—प्रवर्तन, नशामुक्ति और रोकथाम (ईडीपी)—अपनाई है. इस रणनीति के तहत, पंजाब पुलिस ने न केवल तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की, बल्कि नशामुक्ति के लिए भी कदम उठाए. रविवार को 90 व्यक्तियों को नशामुक्ति और पुनर्वास उपचार के लिए राजी किया गया. विशेष डीजीपी शुक्ला ने कहा कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक पंजाब से नशे का पूरी तरह सफाया नहीं हो जाता.


भगवंत मान का संकल्प: नशा मुक्त पंजाब

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पुलिस आयुक्तों, उपायुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पंजाब को नशा मुक्त बनाने का स्पष्ट निर्देश दिया है. इसके लिए पंजाब सरकार ने वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय कैबिनेट उप-समिति भी गठित की है, जो इस युद्ध के खिलाफ निगरानी कर रही है. मान ने तीन महीने के भीतर पंजाब को नशे से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है.


सियासी और सामाजिक समर्थन

पंजाब सरकार की इस मुहिम को सामाजिक और धार्मिक संगठनों से भी समर्थन मिल रहा है. कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने सभी राजनीतिक दलों और गैर-सरकारी संगठनों से इस अभियान में सहयोग करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ यह लड़ाई केवल सरकार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है.


सियासत में चर्चा

‘युद्ध नशिय़ां विरुद्ध’ अभियान ने पंजाब की सियासत में भी हलचल मचा दी है. जहां एक ओर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार इस अभियान को अपनी प्रतिबद्धता के रूप में पेश कर रही है, वहीं विपक्षी दल इसे और प्रभावी बनाने की मांग कर रहे हैं. इस अभियान के तहत नशा तस्करों की संपत्तियों को भी ध्वस्त किया जा रहा है, जिसने इस मुहिम को और चर्चा में ला दिया है.


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