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पंजाब में बाढ़ राहत के लिए शुरू हुई विशेष गिरदावरी, 45 दिन में मिलेगा मुआवजा

Punjab Floods : राज्य में हाल ही की बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए आज से शुरू होने वाली विशेष गिरदावरी के मद्देनज़र, पंजाब राजस्व, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने शनिवार को कहा कि सभी संबंधित अधिकारियों को यह कार्य पारदर्शी, समयबद्ध और परिणाम-उन्मुख तरीके से करना चाहिए ताकि कोई प्रभावित परिवार उचित मुआवज़े से वंचित न रहे.

45 दिनों के अंदर मिलेगा मुआवजा

हरदीप सिंह मुंडियां ने कहा कि यह महत्वपूर्ण अभियान मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के अनुरूप शुरू किया गया है, जिन्होंने यह आश्वासन दिया है कि पंजाब की हर बाढ़ पीड़ित को 45 दिनों के अंदर मुआवज़ा मिलेगा. उन्होंने ज़ोर दिया कि पूरी प्रक्रिया में ईमानदारी और जवाबदेही सर्वोपरि होनी चाहिए और मुआवज़ा किसी उपकार नहीं बल्कि प्रभावित लोगों का अधिकार है.

राजस्व मंत्री ने स्पष्ट किया कि अधिकारियों की ओर से किसी भी तरह की लापरवाही या जानबूझकर की गई देरी पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार समय-समय पर इस पूरी प्रक्रिया की रोज़ निगरानी करेगी ताकि निष्पक्षता और कुशलता सुनिश्चित हो सके.

2167 पटवारियों की तैनाती

मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि गैर‑प्रभावित इलाकों के राजस्व अधिकारी बाढ़ प्रभावित गांवों में तैनात किए जाएँ ताकि आकलन समय पर पूरा हो सके.

मुंडियां ने बताया कि राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में विशेष गिरदावरी कराने के लिए कुल 2167 पटवारियों को तैनात किया गया है. जिलावार तैनाती इस प्रकार है: अमृतसर (196), बर्नाला (115), बठिंडा (21), फरीदकोट (15), फाजिल्का (110), फ़िरोज़पुर (113), गुरदासपुर (343), होशियारपुर (291), जालंधर (84), कपूरथला (149), लुधियाना (60), मलेरकोटला (7), मनसा (95), मोगा (29), पठानकोट (88), पटियाला (141), रूपनगर (92), संगरूर (107), एसएएस नगर (15), श्री मुक्तसर साहिब (25) और Tarn Taran (71).

रिपोर्ट तैयार करेंगी टीमें

टीमें गांव‑गांव जाएंगी, खेतों का निरीक्षण करेंगी और फसल हानि, मकानों को हुए नुकसान तथा पशुधन की मौतों पर रिपोर्ट तैयार करेंगी.

“किसानों और निवासियों को यदि कोई आपत्ति हो तो एक सप्ताह के अंदर उसे उठाने का अवसर मिलेगा ताकि सुधार समय रहते किए जा सकें” मंत्री ने कहा जबकि उन्होंने मुख्यमंत्री की घोषणा दोहराई कि पंजाब सरकार ने राज्य के इतिहास में अब तक का सबसे अधिक मुआवज़ा तय कर लिया है. किसानों को फसल हानि के लिए प्रति एकड़ ₹20,000, जिन परिवारों के मकान ढह गए हैं उन्हें ₹1,20,000 और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों वाले परिवारों को ₹40,000 दिए जाएंगे. इसी तरह पशुधन की मौतों के लिए नियमों के अनुसार मुआवज़ा होगा, जिसमें गाय‑भैंस के लिए ₹37,500 और बकरियों के लिए ₹4,000 शामिल हैं.

1,98,525 हेक्टेयर फसल प्रभावित

उन्होंने बताया कि नवीनतम बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में कुल प्रभावित फसल क्षेत्र लगभग 1,98,525 हेक्टेयर है, जिसमें गुरदासपुर (40,169 हेक्टेयर), पटियाला (17,690 हेक्टेयर), तरन तारण (12,828 हेक्टेयर), फाजिल्का (25,182 हेक्टेयर), फ़िरोज़पुर (17,257 हेक्टेयर), कपूरथला (17,574 हेक्टेयर), संगरूर (6,560 हेक्टेयर), होशियारपुर (8,322 हेक्टेयर), अमृतसर (27,154 हेक्टेयर), जालंधर (4,800 हेक्टेयर), रूपनगर (1,135 हेक्टेयर), लुधियाना (189 हेक्टेयर), बठिंडा (586.79 हेक्टेयर), एसएएस नगर (2,000 हेक्टेयर), एसबीएस नगर (188 हेक्टेयर), पठानकोट (2,442 हेक्टेयर), मनसा (12,207.38 हेक्टेयर) और मोगा (2,240 हेक्टेयर) शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि मोगा जिले में पिछले 24 घंटों में एक और मृत्यु की सूचना मिली है जिससे राज्य में मृतक संख्या अब तक 56 हो गई है.

उन्होंने आगे कहा कि मान सरकार प्रभावित लोगों को 45 दिनों के अंदर चेक हाथ में देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन गांवों में जहां पूरी फसल नष्ट हो गई हो, प्रक्रिया केवल एक महीने में पूरी होगी ताकि तुरंत राहत मिल सके. मकानों और पशुधन के नुकसान के लिए मुआवज़ा 15 सितंबर से शुरू होगा और यह निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरा किया जाएगा.

यह भी पढ़ें : बाढ़ के बाद पंजाब का पुनर्वास: पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए सरकार की विशेष मुहिम शुरू

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