
Punjab Drug War : पंजाब सरकार की “युद्ध नशों विरुद्ध” मुहिम लगातार असर दिखा रही है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के सख्त निर्देशों पर आज इस अभियान का 220वां दिन रहा, और इस दिन पंजाब पुलिस ने पूरे राज्य में 343 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की. नतीजा यह हुआ कि 80 नशा तस्कर गिरफ्तार हुए और 53 नई एफ.आई.आर. दर्ज की गईं.
अब तक इस मुहिम के तहत कुल 32,196 तस्कर गिरफ्तार किए जा चुके हैं. जो अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है. यह आंकड़ा बताता है कि सरकार पंजाब को नशे के अंधेरे से निकालने के लिए कितनी गंभीर है.
छापेमारी में बरामदगी
पुलिस ने गिरफ्तार तस्करों के कब्जे से 505 ग्राम हेरोइन, 50 नशीली गोलियां/कैप्सूल, और 8,840 रुपए की ड्रग मनी बरामद की है. ये आंकड़े छोटे लग सकते हैं, लेकिन हर जब्ती के पीछे एक नेटवर्क टूटता है — और यही इस युद्ध की सबसे बड़ी जीत है.
पंजाब पुलिस की सटीक रणनीति
इस अभियान में 67 गज़टेड अधिकारियों की निगरानी में 1000 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल रहे. 120 से ज्यादा टीमें बनाई गईं जिन्होंने पूरे राज्य में 343 जगहों पर दबिश दी. दिनभर चले इस विशेष अभियान में पुलिस ने 358 संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ भी की.
पंजाब सरकार ने नशा उन्मूलन के लिए तीन-स्तरीय रणनीति अपनाई है –
- प्रवर्तन (Enforcement) – तस्करों पर सख्त कार्रवाई
- नशामुक्ति (De-Addiction) – नशे से छुटकारा पाने वालों के लिए उपचार
- रोकथाम (Prevention) – युवाओं को नशे से दूर रखने की पहल
इसी रणनीति के तहत, आज 29 लोगों को नशा छोड़ने और पुनर्वास के लिए तैयार किया गया है.
सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने साफ कहा है कि “पंजाब नशामुक्त बनकर ही रहेगा.” इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए सरकार ने वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता में एक 5 सदस्यीय कैबिनेट सब-कमेटी भी बनाई है जो इस मुहिम की सीधी निगरानी कर रही है.
नतीजा साफ है
पंजाब की गलियों में अब जागरूकता की आवाज़ गूंज रही है. जहां कभी नशे का साया था, अब उम्मीद की रोशनी है. “युद्ध नशों विरुद्ध” अब सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि पंजाब के हर घर की जिम्मेदारी बन चुका है.
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