
Noida Police Rescues Blind Child : नोएडा पुलिस ने इंसानियत और फर्ज़ की मिसाल पेश करते हुए एक ऐसी कामयाबी हासिल की है जिसने सबका दिल छू लिया. थाना फेस-1 पुलिस ने 14 साल के नेत्रहीन (दृष्टिबाधित) बालक सूरज को दिल्ली के डीएमआरसी आश्रम क्षेत्र से सकुशल बरामद कर लिया. यह वही बच्चा था जो दो साल पहले लापता हो गया था. परिवार की उम्मीदें लगभग टूट चुकी थीं, लेकिन पुलिस की मेहनत ने इस कहानी को एक खुशगवार अंजाम तक पहुंचा दिया.
पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर चला अभियान
कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर की पुलिस आयुक्त श्रीमती लक्ष्मी सिंह के नेतृत्व में अपराध और अपराधियों के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई. पुलिस उपायुक्त यमुना प्रसाद के दिशा-निर्देशों और अपर पुलिस उपायुक्त सुमित शुक्ला के कुशल निर्देशन में, थाना फेस-1 की टीम ने लगातार इस नेत्रहीन बच्चे की तलाश में मेहनत की. सहायक पुलिस आयुक्त स्वतंत्र कुमार सिंह के पर्यवेक्षण और प्रभारी निरीक्षक अमित कुमार मान के नेतृत्व में उपनिरीक्षक राहुल प्रताप और उनकी टीम ने बच्चे को ढूंढ निकालने में दिन-रात एक कर दिया.
पोस्टर, पंपलेट और लगातार तलाश
पुलिस टीम ने बच्चे की तलाश के लिए जगह-जगह पोस्टर और पंपलेट चस्पा किए. बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और बाल आश्रमों में बच्चे की फोटो लगाई गई. यहां तक कि आसपास के जिलों के थानों में भी सूचना भेजी गई. कई बार असफलता हाथ लगी, लेकिन पुलिस ने हार नहीं मानी. आखिरकार, दिनांक 13 अक्टूबर 2025 को पुलिस को बड़ी सफलता मिली जब डीएमआरसी आश्रम, दिल्ली से सूरज को सकुशल बरामद कर लिया गया.
नेत्रहीन बच्चा घर का रास्ता भूल गया था
पूछताछ के दौरान सूरज ने बताया कि वह नेत्रहीन है और दो साल पहले गलती से घर का रास्ता भटक गया था. किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसे डीएमआरसी आश्रम दिल्ली में दाखिल करा दिया था. सूरज को सही ढंग से देखने में असमर्थता के कारण वह अपने घर वापस नहीं पहुंच पाया. जब पुलिस ने सूरज के परिजनों को खबर दी, तो घर में खुशी का ठिकाना नहीं रहा. दो साल से गुम बेटे को देखकर परिवार की आंखों से खुशी के आंसू झर पड़े.
टीम को सलाम
सूरज को सकुशल बरामद करने वाली टीम में शामिल थे –
- प्रभारी निरीक्षक अमित कुमार मान
- उपनिरीक्षक राहुल प्रताप
- कांस्टेबल विवेक बालियान
- हेड कांस्टेबल गजेन्द्र
इन सभी ने न केवल अपनी ड्यूटी निभाई, बल्कि इंसानियत का फर्ज़ भी बखूबी अदा किया.
खुशियों से रोशन हुआ सूरज का घर
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि अगर नीयत सच्ची हो और जज़्बा मजबूत, तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं. नोएडा पुलिस की ये सफलता सिर्फ एक बच्चे की बरामदगी नहीं, बल्कि एक परिवार की जिंदगी में फिर से उम्मीद और मुस्कान लौटाने की कहानी है.
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