
फटाफट पढ़ें
- मुरादाबाद मदरसे पर वर्जिनिटी आरोप
- परिवार ने 500 रुपये वसूली की शिकायत
- सांसद ने इसे गैर-इस्लामी बताया
- मदरसे ने आरोप खारिज, जांच जारी
- मुस्लिम जमात ने शिक्षा बचाने की अपील
UP News : उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां पाकबड़ा स्थित एक मदरसे पर 13 साल की नाबालिग लड़की के दाखिले के लिए ‘वर्जिनिटी सर्टिफिकेट’ मांगने का गंभीर आरोप लगाया गया है. इस खबर के बाद पूरे इलाके में हंगामा मच गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है.
पाकबड़ा इलाके में स्थित जामिया असानुल बनात गर्ल्स मदरसा पर एक परिवार ने सनसनीखेज आरोप लगाया है. परिवार के अनुसार, उन्होंने अपनी 13 वर्षीय बच्ची का दाखिला कराने के लिए मदरसे का रूख किया था, लेकिन दाखिले की प्रक्रिया के दौरान मदरसे ने बच्ची से ‘वर्जिनिटी टेस्ट’ या मेडिकल सर्टिफिकेट की मांग की.
मदरसे पर 500 रुपये वसूली का आरोप
परिवार ने मदरसे पर सिर्फ यही आरोप नहीं लगाया है. उनका यह भी दावा है कि मदरसे ने उनसे 500 रुपये की ‘वसूली’ की और साथ ही उनकी बच्ची को ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC) देने से भी मना कर दिया.
इस पूरे विवाद पर समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस मांग को ‘गैर-इस्लामी’ करार देते हुए कहा, “न तो हमारा मजहब ऐसी कोई मांग करता है और न ही कोई मदरसा इस तरह का सर्टिफिकेट मांग सकता है. यह बिल्कुल गलत है.” उनका कहना है कि इस्लाम या मदरसे की शिक्षा में इस तरह की कोई परंपरा नहीं है और अगर किसी ने ऐसा किया है तो यह पूरी तरह से गलत है.
मदरसे ने आरोपों को खारिज किया
जहां एक ओर परिवार ने मदरसे पर गंभीर आरोप लगाए हैं, वहीं मदरसे के एक शिक्षक ने इन सभी आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है. फिलहाल, यह पूरा मामला प्रशासन के संज्ञान में आ चुका है और इसकी गहन जांच की जा रही है. पुलिस इस बात की पुष्टि करने में जुटी है कि क्या वाकई दाखिले के लिए ऐसी कोई शर्त रखी गई थी या नहीं. जांच के पूरा होने के बाद ही मामले की सच्चाई सामने आएगी.
टीचर का दृष्टिकोण चिंताजनक
वही इस मामले पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि यह टीचर का मानसिक दृष्टिकोण बेहद चिंताजनक है और मदरसे के जिम्मेदार की सोच को भी दर्शाता है. उनका कहना था कि लड़की हो या लड़का, किसी को भी शिक्षा से वंचित नहीं रखा जा सकता.
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