नेताजी सुभाष चंद्र बोस को ‘देश का बेटा’ घोषित करने वाली याचिका SC ने ठुकराई, बताई वजह
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस को देश के बेटा घोषित करने वाली याचिका SC ने ठुकराई
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को ‘देश के बेटा’ घोषित करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका खारिज करने के पीछे की वजह बताते हुए कोर्ट ने कहा नेताजी सुभाषचंद्र बोस(Netaji Subhash Chandra Bose) अमर हैं। और उनकी महानता दर्शाने के लिए कोर्ट के आदेश की जरूरत नहीं है। याचिका में कांग्रेस पर आरोप था कि देश की आजादी में नेताजी के योगदान को कांग्रेस से कम आंका है। साथ ही उनकी मृत्यु और गायब होने को लेकर सच्चाई छुपाई थी।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस को ‘देश का बेटा घोषित’ करने की मांग
दरअसल कटक के निवासी पिनाक पानी मोहंती ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर मांग की थी कि कि सुप्रीम कोर्ट इस बात की घोषणा करे कि ब्रिटिश शासन से आजादी नेताजी सुभाषचंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) के नेतृत्व वाली आजाद हिंद फौज ने दिलाई। साथ ही याचिका में कांग्रेस पर आरोप लगाया गया कि नेताजी के देश की आजादी में योगदान को कमतर किया गया। साथ ही कांग्रेस ने नेताजी के गायब/मृत्यु से संबंधित फाइलों को गोपनीय रखा और सच्चाई नहीं बताई। याचिका में ये भी मांग की गई कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जन्मदिन 23 जनवीर को राष्ट्रीय दिवस घोषित किया जाए
Supreme Court की याचिका पर क्या कहा
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस याचिका को खारिज कर दिया और याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने अपनी टिप्पणी में कहा कि ‘नेताजी सुभाषचंद्र बोस के बारे में कौन नहीं जानता? इस देश में सभी लोग उन्हें और उनके योगदान के बारे में जानते हैं। उनकी महानता बताने के लिए कोर्ट के आदेश की जरूरत नहीं है। उनके जैसे नेता अमर हैं।’ पीठ ने कहा वो महान लोग हैं और पूरा देश उनका सम्मान करता है। उनके जैसे नेता को कोर्ट से किसी पहचान की जरूरत नहीं है।
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