ISRO आज SSLV के साथ रचेगा इतिहास, अंतरिक्ष में भेजे दो उपग्रह अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-EOS-02 और AzadiSat
15 अगस्त को भारत अपनी आजादी का 75वां वर्ष पूरा करने जा रहा है। इसी के तहत पूरे देश के अंदर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाया जा रहा है। इसी के साथ देश विभिन क्षेत्रों में एक से बढ़कर एक रिकॉर्ड भी बना रहा है। इसी के साथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO ) अपने पहले स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) रॉकेट के श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपण के साथ आज यानी रविवार को नया इतिहास बनाने जा रहा है। बता दें विश्वसनी और शक्तिशाली रॉकेटों पीएसएलवी(PSLV) और जीएसएलवी(GSLV) के बाद पहली बार एसएसएलवी(SSLV) का उपयोग उपग्रह भेजने में होगा। हालांकि इस मिशन के लिए वैज्ञानिक कई हफ्तों से सफल बनाने के लिए जुटे हुए है।
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ISRO आज दो उपग्रह भेजेगा
ISRO के अधिकारियों ने बताया कि आज वो दो उपग्रह भेजेंगे। बता दें दो उपग्रह अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट- 02 और आजादीसैट इस मिशन में भेजे जा रहे हैं। इसी के साथ इस रॉकेट के जरिये बेहद कम समय व खर्च में 500 किलो तक के उपग्रह निचले परिक्रमा पथ पर भेज सकेंगे। इसरो ने जिन दो उपग्रह अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-02 और आजादीसैट को इस मिशन में भेजा है, उनकी तैयारियों में वैज्ञानिकों ने दिन-रात एक कर दिया है।
SSLV के फायदे
SSLV को बेहद ही सस्ता और कम समय में तैयार होने वाला माना गया है। बता दें 34 मीटर ऊंचे एसएसएलवी(SSLV) का व्यास 2 मीटर है। जबकि 2.8 मीटर व्यास का पीएसएलवी(PSLV) इससे 10 मीटर ऊंचा है। बता दें SSLV 4 स्टेज रॉकेट है, इसी के साथ पहली 3 स्टेज में ठोस ईंधन उपयोग होगा। चौथी स्टेज लिक्विड प्रोपल्शन आधारित वेलोसिटी ट्रिमिंग मॉड्यूल है जो उपग्रहों को परिक्रमा पथ पर पहुंचाने में मदद करेगा।
इसी के साथ ये मिशन करीब 5 घंटे का प्रक्षेपण काउंटडाउन रविवार सुबह 04:18 मिनट पर शुरू हो गया है और 09:18 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण होगा। बता दें ISRO के अन्य मिशन में काउंटडाउन 25 घंटे तक का होता है। हालांकि प्रक्षेपण के 13 मिनट बाद ईओएस-02 और फिर आजादीसैट को परिक्रमा पथ पर रखा जाएगा।
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