Nag Panchami 2022: नाग पंचमी के दिन नाग-नागिन का जोड़ा रखकर उसका पूजन-अभिषेक करें, दूर होंगी समस्याएं

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Nag Panchami 2022: इस दिन भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए। प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है।

Nag Panchami 2022
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भगवान शिवजी का सबसे प्रिय माह सावन चल रहा है। इस महीने कई त्योहार आते हैं। इन त्योहारों पर शिव परिवार के साथ नाग देवता की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है। इस साल नाग पंचमी Nag Panchami 2022 का पर्व 02 अगस्त को है। ये दिन पूर्ण रूप से नाग देवता को समर्पित है। अगर किसी की कुंडली में काल सर्प दोष है तो इस दिन किए गए उपाय से लाभ मिल सकता है। आइए जानते हैं नागपंचमी पूजा विधि और इसका महत्व।

नाग पंचमी शुभ मुहूर्त (Nag Panchami 2022 Shubh Muhurat)

नाग पञ्चमी मंगलवार, अगस्त 2, 2022 को
नाग पञ्चमी पूजा मूहूर्त -सुबह 06 बजकर 05 से 08 बजकर 41 मिनट तक
अवधि – 02 घण्टे 36 मिनट

नाग पंचमी पूजा विधि?

नाग पंचमी के दिन भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए। पूजा स्थल को गंगाजल या साफ पानी से साफ करें। चौकी पर साफ कपड़े बिछाकर नाग की आकृति बनाए। इस दिन घर के मुख्य द्वार पर गोबर अथवा गिरोह से सर्प की आकृति बनानी चाहिए। हल्दी, रोली, चावल, फूल और कच्चे दूध के साथ नागों की पूजा करें। इसके बाद नाग देवता की मूर्ति पर दूध छिड़कें और हल्दी चंदन , कुमकुम, फूल, अक्षत, धूप अर्पित करें। इसके बाद भगवान शंकर का ध्यान करें और श्री महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। संभव हो तो मंदिर में चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा रखकर उसका पूजन-अभिषेक करें। 

कालसर्प दोष से मुक्ति

इस साल नाग पंचमी के दिन मंगला गौरी व्रत का संयोग बन रहा है। यह व्रत माता पार्वती को समर्पित माना गया है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शंकर व माता पार्वती की पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान शंकर की कृपा से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।