
Mahakumbh : महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर सांसद उज्जवल रमण सिंह ने घायलो से मुलाकात की। सांसद ने इस हादसे का जिम्मेदार मेला समिति को ठहराया।
सांसद उज्ज्वल रमण सिंह स्वरूपरानी नेहरू (एसआरएन) अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने महाकुंभ में हुई भगदड़ में हुए घायलो और उनके तामीरदारों से मुलाकात की और स्थिति का मुआयना किया। मृतकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हुए सांसद उज्जवल सिंह ने मेला प्रशासन और पुलिस की आलोचना की और इस घटना को बड़ी चूक और लापरवाही बताया।
मेला प्रशासन बेपरवाह
उज्जवल रमण सिंह ने कहा मेला प्रशासन और पुलिस द्वारा जिस तरह से दुर्व्यवस्था की गई थी इसका हम लोगों को पहले से अंदाजा था और इसके लिए हम ने राजधानी लखनऊ में पहले ही प्रेस वार्ता की थी जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय भी शामिल थे। उज्जवल रमण सिंह ने दावा किया कि हमने तभी कहा था कि मेला प्रशासन बेपरवाह है और वह किसी की सलाह नहीं लेना चाहते हैं किसी से परामर्श नहीं लेना चाहते।
आज तक एक भी बैठक नहीं हुई
सांसद ने दावा किया कि मेला समिति की आज तक एक भी बैठक नहीं हुई और अगर उन लोगों से राय ली गई होती जिनको कुंभ और अर्ध कुंभ मेले का अनुभव था तो बेहतर व्यवस्था होती। उज्जवल रमण सिंह ने आरोप लगाया कि जितनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए उसके लिए मेला प्रशासन की तरफ से व्यवस्था नहीं की गई थी और व्यवस्था सिर्फ वीआईपी के लिए थी।
श्रद्धालुओं के साथ क्या हुआ होगा
सांसद उज्जवल रमण सिंह ने कहा कि जब श्रद्धालुओं को तीस -तीस किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ेगा तो वे मेला क्षेत्र में आने के बाद सोएंगे ही। सांसद ने कहा सरकार द्वारा गठित तीन सदस्य न्यायिक आयोग मामले में लीपापोती करने का एक प्रयास है। कुंभ मेला क्षेत्र में तीस पांटून पुल बनाए गए और तीस के तीस पुल बंद कर दिए गए ये पुल किसके आदेश से बंद किए गए थे। जब मुझे चार घंटे तक रोके रखा गया तो श्रद्धालुओं के साथ क्या हुआ होगा।
राशि बढ़ाकर 50 लाख रुपये
उज्जवल रमण सिंह ने प्रमुख ढांचागत परियोजनाओं को पूरा करने में विफल रहने का सरकार पर आरोप भी लगाया। जिनमें फाफामऊ पर छह लेन का पुल रिंग रोड आदि शामिल हैं। सांसद ने बताया कि इस महाकुंभ पर 7,000 करोड़ रुपये खर्च हुए लेकिन मूलभूत परियोजनाएं अपूर्ण हैं। उन्होने कहा हम लोगों ने इस पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में या संयुक्त संसदीय समिति द्वारा लेखा परीक्षण होना चाहिए। उज्जवल रमण सिंह ने नियोजन में विफलता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और मृतक के परिवारो के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाकर 50 लाख रुपये और घायलों के लिए राशि दस लाख रुपये करने की मांग की हैं।
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