लखनऊ में जेपीसी की हुई बैठक, राज्य सरकार ने कहा- वक्फ की 78 प्रतिशत जमीन सरकारी

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Lucknow : वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर राजधानी लखनऊ में जेपीसी की बैठक हुई जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना पक्ष रखा। सरकार ने दावा किया है कि वक्फ की 78 प्रतिशत जमीन सरकारी है।

राजधानी लखनऊ में मंगलवार को वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर गठित संयुक्त संसदीय समिति जेपीसी की बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कृषि उत्पादन आयुक्त और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की एसीएस मोनिका गर्ग ने सरकार और अपने विभाग का पक्ष रखा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में जेपीसी के सामने मोनिका ने कहा कि यूपी में वक्फ की 14 हजार हेक्टेयर जमीन है इसमें से 11 हजार करीब 78 प्रतिशत सरकारी जमीन है।

अंतिम रूप देने की प्रक्रिया है

इतना ही नहीं मोनिका ने तो यहां तक कहा कि लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा और अयोध्या में स्थिति बहू-बेगम का मकबरा भी सरकार का है, हालांकि, शिया वक्फ बोर्ड ने इसका विरोध किया और बैठक में मौजूद कई सदस्यों ने भी इसका विरोध किया। वक्फ संशोधन विधेयक पर गठित संसदीय समिति 24 और 25 जनवरी को प्रस्तावित कानून पर विचार करेगी। यह रिपोर्ट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया है।

समिति की रिपोर्ट संसद के बजट सत्र के दौरान पेश किए जाने की उम्मीद है। बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली संसद की संयुक्त समिति ने देश भर के हितधारकों के साथ अपनी परामर्श प्रक्रिया पूरी कर ली है। अब रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले समिति के सदस्यों की राय लेने की दिशा की ओर बढ़ रही है।

मतदान किया जाएगा

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने समिति को आने वाले बजट सत्र के आखिरी दिन तक कार्यकाल विस्तार दिया था। बजट सत्र 31 जनवरी से चार अप्रैल तक चलेगा। हालांकि बीच में कुछ दिनों का अवकाश होगा। सदस्य अब मसौदा कानून में अपने संशोधनों का प्रस्ताव कर सकते हैं और उन पर मतदान किया जाएगा।

संशोधन का प्रस्ताव दे सकते हैं

वहीं विपक्षी सांसद और विधायक कड़ा विरोध कर रहे हैं संशोधन का प्रस्ताव दे सकते हैं। हालांकि इन्हें स्वीकार किए जाने की कोई संभावना नहीं है क्योंकि समिति में बीजेपी और उसके सहयोगी दल बहुमत में हैं। वहीं आधिकारिक सूत्रों का कहना हैं कि खंड-दर-खंड विचार के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी और विभाग के साथ साझा की जाएगी।

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