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कांवड़ यात्रा पर कांच बिछाने की साज़िश निकली झूठी! AAP का कपिल मिश्रा और LG पर बड़ा हमला

Kapil Mishra Controversy : दिल्ली में सांप्रदायिक दंगा भड़काने की कोशिश कर रही भाजपा पर आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने तीखा प्रहार किया है. भारद्वाज ने कहा कि भाजपा सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने 12 जुलाई को ट्वीट करते हुए दावा किया कि शाहदरा में शरारती तत्वों ने कांवड़ मार्ग पर एक किलोमीटर तक कांच के टुकड़े बिखेर दिए. जबकि पुलिस जांच से साफ हो गया है कि यह घटना 12 नहीं, 10 जुलाई की है. जब गाड़ी के विंडशील्ड ग्लास ले जा रहे एक ई‑रिक्शा को किसी वाहन ने टक्कर मार दी और कांच सड़क पर फैल गया. इसी तरह का एक ट्वीट एलजी साहब ने भी किया. इसलिए दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव भड़काने की इस कोशिश पर कपिल मिश्रा और एलजी के खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए.

30 सालों से बिना किसी सांप्रदायिक तनाव के सौहार्दपूर्ण सफर

‘आप’ के प्रदेश अध्यक्ष ने चौधरी मतीन अहमद और विधायक संजीव झा के साथ प्रेस‑वार्ता में कहा कि पिछले 30 सालों में लाखों कांवड़िए गंगाजल लेकर दिल्ली होते हुए अपने गांव‑कॉलोनियों तक जाते रहे हैं, लेकिन कभी हिंदू‑मुस्लिम फसाद नहीं हुआ. पूर्वी दिल्ली के अनेक मुस्लिम‑बहुल इलाकों तक में कांवड़ यात्रा शांतिपूर्वक निकलती है.

कपिल मिश्रा और LG के ट्वीट से विवाद

सौरभ भारद्वाज ने याद दिलाया कि 27 साल बाद भाजपा दिल्ली की सत्ता में लौटी है और यह उनकी सरकार में पहली कांवड़ यात्रा है। 12 जुलाई रात 9:30 बजे कपिल मिश्रा ट्वीट करते हैं कि शाहदरा में कांवड़ मार्ग पर कांच बिखरा है, विधायक संजय गोयल और निगम कर्मी सफाई में जुटे हैं, पीडब्ल्यूडी ने एफआईआर कराई है व कांवड़ यात्रा में कोई व्यवधान नहीं होने देंगे. इसके बाद 13 जुलाई शाम 4:04 बजे एलजी ने भी वीडियो ट्वीट करते हुए वही बात दोहराई.

सांप्रदायिक साजिश बताकर फैलाई गई झूठी कहानी

भारद्वाज ने बताया कि पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह घटना 12 नहीं, 10 जुलाई की है. उस दिन चिंतामणि चौक से झिलमिल मेट्रो तक 19 विंडशील्ड ग्लास ले जा रहा ई‑रिक्शा दुर्घटनाग्रस्त हुआ था. वीडियो 10 जुलाई को ही मोंटू नाम के व्यक्ति ने बनाया और नंदनगरी के पीयूष को भेजा. उसी वीडियो को 12 जुलाई की ताज़ा घटना बताकर सांप्रदायिक तनाव भड़काने का प्रयास किया गया. विंडशील्ड का कांच छोटे‑छोटे बिना किनारे वाले टुकड़ों में टूटता है ताकि दुर्घटना में गंभीर चोट न लगे यदि यह सचमुच जान‑बूझकर बिखेरा गया होता तो नेशनल हाइवे पर सैकड़ों गाड़ियां पंचर हो जातीं.

उन्होंने पूछा कि जब 13 जुलाई शाम 6:30 बजे ही पुलिस ने मीडिया को सच बता दिया, तब क्या कपिल मिश्रा या एलजी को नया ट्वीट जारी कर सफाई नहीं देनी चाहिए थी? यह साधारण ई‑रिक्शा दुर्घटना का मामला था, जिसे कांवड़ यात्रियों को निशाना बनाने की साज़िश की तरह परोसा गया। भाजपा आखिर दिल्ली में ऐसा तनाव क्यों पैदा करना चाहती है?

कपिल मिश्रा पर फिर सवाल

सौरभ भारद्वाज ने याद दिलाया कि यही कपिल मिश्रा वर्ष 2020 में भड़काऊ भाषणों के कारण सुर्ख़ियों में रहे, हाई कोर्ट के जस्टिस मुरलीधर ने एफआईआर का आदेश दिया तो उसी रात उनका तबादला कर दिया गया. एलजी संवैधानिक पद पर हैं, उन्हें दो घंटे में ही अपना ट्वीट सुधार देना चाहिए था लेकिन न एलजी ने ऐसा किया, न कपिल मिश्रा ने, जिससे उनकी मंशा पर सवाल खड़े होते हैं.

वहीं प्रसिद्ध मुस्लिम नेता व पूर्व विधायक चौधरी मतीन अहमद ने बताया कि 1993 से वे लगातार कांवड़ियों की सेवा कर रहे हैं. उन्होंने रोड नंबर 66 (यमुना विहार से सीलमपुर) समेत दिल्ली में 20 कैंप लगवाए हैं, आज तक किसी सांप्रदायिक घटना की खबर नहीं आई. उनका कहना है कि दुर्घटना को सांप्रदायिक रंग देना गलत है. “हम तो कांवड़ियों के लिए सड़क साफ़ कराने और कालीन बिछाने वाले लोग हैं.”

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