
मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर की एक सीट से घोषित बीजेपी उम्मीदवार ने अपनी पिछली हार को लेकर बड़ा धमाका किया है। चार बार के विधायक और पूर्व मंत्री रहे इस कैंडिडेट ने आरोप लगाया है कि साल 2018 में उन्हें एक IPS अधिकारी ने चुनाव हरवा दिया था। उन्होंने यह भी कहा है कि कांग्रेस ने 2018 का चुनाव गुंडागर्दी से जीता था।
बता दें कि जबलपुर पूर्व विधानसभा सीट से बीजेपी में एक बार फिर अपने पुराने चेहरे अंचल सोनकर पर भरोसा जताया है। पार्टी ने गुरुवार को राज्य की जिन 39 कठिन सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है, उसमें चार बार के विधायक अंचल सोनकर भी शामिल है। पार्टी से टिकट मिलने के बाद अंचल सोनकर ने जबलपुर पूर्व विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
बता दें कि शुक्रवार को जबलपुर में बीजेपी प्रत्याशी अंचल सोनकर ने कहा कि कांग्रेस ने साल 2018 में चुनाव गुंडागर्दी से जीता था। इस जीत में उनका सहयोग तत्कालीन एसपी अमित सिंह ने किया था। सोनकर ने आरोप लगाया कि एसपी अमित सिंह के लखन घनघोरिया के आईपीएस रिश्तेदार से निजी ताल्लुकात थे। इसी पहचान के चलते एसपी अमित सिंह ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया और कांग्रेस को चुनाव जीतने में मदद की। बीजेपी के वोटरों को वोट नहीं डालने दिया गया था। अंचल सोनकर ने दावा किया कि इस बार ऐसा नहीं होगा और वे चुनाव जीतेंगे।
वहीं, बीजेपी प्रत्याशी अंचल सोनकर के आरोपों को कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने सिरे से खारिज किया है। लखन घनघोरिया का कहना है कि तत्कालीन एसपी अमित सिंह की पोस्टिंग तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। इसका मतलब है कि अंचल सोनकर सीएम चौहान के फैसले पर सवाल उठा रहे है। लखन घनघोरिया ने यह आरोप भी लगाया है कि कोरोना के संकट के समय क्षेत्र से बीजेपी नेता और कार्यकर्ता गायब थे।
यहां बताते चलें कि जबलपुर की राजनीति में पूर्व विधानसभा सीट हमेशा से संवेदनशील रही है। हर चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में विवाद होने का इतिहास रहा है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित पूर्व विधानसभा क्षेत्र में पिछले तीन चुनाव से कांग्रेस के लखन घनघोरिया और बीजेपी के अंचल सोनकर के बीच मुकाबला होता आ रहा है। अनुमान है कि चौथी बार भी इस सीट पर यही दोनों उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में होंगे। मुस्लिम आबादी ज्यादा होने कारण कांग्रेस के लिए जबलपुर पूर्व विधानसभा सीट काफी सेफ मानी जा रही है। लेकिन दलित वोटो के दम पर बीजेपी इस बार सीट को फिर से अपने कब्जे में करने की तैयारी में है।
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