बस डिपो में कर्मचारियों ने की हड़ताल, समान काम- समान वेतन की मांग, सड़कों पर नहीं उतर रही बसें

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Delhi News: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली सरकार लगातार लोगों से अपील कर रही है कि वह सार्वजनिक परिवहन सेवा का उपयोग करें। ऐसे में डीटीसी के संविदा कर्मचारियों की हड़ताल पर बैठे हैं। विभाग में 20 वर्ष पहले संविदा पर कर्मियों की भर्ती शुरू की थी। कर्मियों ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन के कई साल डीटीसी को दिए हैं। उनकी मांग है कि उन्हें पक्की नौकरी दी जाए।

कर्मियों ने कहा कि सामान काम-सामान वेतन व्यवस्था लागू की जाए। जिसके लिए कर्मी बाते कई साल से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को राजधानी के कई बस डिपो के कर्मियों ने हड़ताल किया, जिसके चलते 50 फीसदी से भी कम बसें ही सड़कों पर उतर पाईं।

वेतन समान नहीं

परिवहन मंत्री ने संविदा कर्मियों की मांगों पर डीटीसी को कमेटी गठित करने के लिए कहा। यह कमेटी संविदा कर्मियों की मांगों पर विचार कर रिपोर्ट तैयार करेगी।

डीटीसी बस कर्मियों के हड़ताल करने के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि किसी जरूरी काम से जाना था, बहुत देर से बस के इंतेजार में खड़े हैं, मगर बस नहीं आ रही है।

करामियों का कहना है कि जब हमसे पक्की नौकरी वालों की तरह काम कराया जाता है, तो हमें वेतन समान क्यों नहीं दिया जाता है। साथ ही यह भी कहा कि हमारी मांग है कि समान काम- समान वेतन दिया जाए और हमारी नौकरी पक्की की जाए।

बताया जा रहा है कि पुरानी बसों को हटा कर नई ई-बसें शुरू की जा रही हैं। जिनका संचालन निजी कंपनी की द्वारा किया जाएगा। कंपनी ही चालकों को रख रही है और वहां पर वेतनव भी कम है। ऐसे में पुरानी बसों को हटाने के बाद इन बसों में काम करने वालों की नौकरी खतरे में आ जाएगी।

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