
Bihar Winter Session 2025 : बिहार में नई सरकार के गठन के बाद पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है. पहले दिन प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव ने सभी नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई. सबसे पहले सम्राट चौधरी को शपथ दिलाई गई. शपथ ग्रहण के बाद सम्राट चौधरी ने विपक्ष के नेताओं, जिनमें तेजस्वी यादव भी शामिल थे, से हाथ मिलाया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैर छुए. उनके बाद विजय सिन्हा ने भी यही परंपरा निभाई.
बिहार की 18वीं विधानसभा में शपथ ग्रहण के बाद नए विधानसभा अध्यक्ष के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी. बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. प्रेम कुमार के निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने की संभावना है, यदि एक से अधिक नामांकन दाखिल होते हैं तो दो दिसंबर को मतदान कराया जाएगा.
बिहार विधानसभा का पेपरलेस सत्र
इस सत्र की खासियत यह है कि विधानसभा की कार्यवाही पूरी तरह ‘पेपरलेस’ (कागज रहित) होगी. सदन ‘नेशनल ई-विधान’ (नेवा) प्लेटफॉर्म के जरिए संचालित होगा. यह डिजिटल मंच भारत सरकार की ‘डिजिटल इंडिया’ पहल के तहत विकसित किया गया है, जिसका मकसद देश की सभी विधानसभाओं और संसद को पेपरलेस बनाना है. इस प्रणाली से सवाल-जवाब, नोटिस, भाषण, संशोधन प्रस्ताव और मतदान जैसी सभी प्रक्रियाएं डिजिटल रूप से संचालित होंगी, जिससे विधायी कार्य तकनीक-संचालित और पारदर्शी बनेंगे.
सदन में तकनीक और बदलता समीकरण
सदन में अधिकारियों और विधायकों को टैबलेट दिए गए हैं और उच्च गति वाले वाई-फाई की व्यवस्था की गई है. उन्नत माइक्रोफोन और छह बड़े डिस्प्ले स्क्रीन पर वोटिंग परिणाम और अन्य जानकारियां दिखेंगी. सजीव प्रसारण से पारदर्शिता बढ़ेगी. 10 साल बाद सत्ता पक्ष में 200 से अधिक विधायक होने से सदन का समीकरण पूरी तरह से बदल गया है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रचंड बहुमत की वजह से सरकार के लिए विधायी एजेंडा पास करना आसान होगा, जबकि विपक्ष केवल 38 सदस्यों तक सिमित है. इस स्थिति में विपक्ष पर प्रभावी ढंग से काम करने का दबाव बढ़ गया है. गौरतलब है कि 2010 में भी राजग के पास 200 से अधिक विधायक थे.
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