Chandigarh : युवाओं में बलिदान और धार्मिक स्वतंत्रता के मूल्यों को स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री हरजोत सिंह बैंस ने राज्यभर के सभी कुलपतियों (Vice-Chancellors) और कॉलेज प्राचार्यों (जिनमें निजी और सहायता प्राप्त संस्थान भी शामिल हैं) को निर्देश दिए हैं कि वे श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के जीवन, उपदेशों और शहादत पर केंद्रित सेमिनार आयोजित करें.
चार दिनों तक सेमिनार आयोजित करने का निर्देश
शिक्षा मंत्री ने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी की निःस्वार्थता, सर्वसमावेशी दृष्टिकोण और मानवाधिकारों की रक्षा के प्रति समर्पण आज के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं. इस संबंध में श्री बैंस ने कुलपतियों और प्राचार्यों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि वे 27 अक्टूबर 2025 से 30 नवंबर 2025 तक इन सेमिनारों और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करें.
“प्रसिद्ध सिख विद्वानों को किया जाए आमंत्रित”
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि शैक्षणिक संस्थानों में इन कार्यक्रमों के दौरान धार्मिक गरिमा और अनुशासन बनाए रखा जाए. मंत्री ने कहा कि सेमिनारों में प्रसिद्ध सिख विद्वानों को आमंत्रित किया जाए, ताकि विद्यार्थियों को नौवें गुरु साहिब जी के महान बलिदान के बारे में बताया जा सके — जिन्होंने धर्म और आस्था की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया.
सेमिनार में शिष्यों के वीरता पर होगी चर्चा
सत्रों में गुरु साहिब जी के शिष्यों (भाई सती दास जी, भाई मती दास जी, भाई दयाला जी और भाई जैता जी) की असाधारण वीरता और समर्पण का भी उल्लेख किया जाएगा, जिन्होंने गुरु साहिब के साथ अद्वितीय साहस और श्रद्धा का परिचय दिया.
यह पहल पंजाब की समृद्ध धार्मिक-सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक शिक्षा प्रणाली के बीच सेतु का कार्य करेगी, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ न्याय, धर्मनिष्ठा और नैतिक मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित होती रहें.
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