
Punjab flood relief : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने बाढ़ पीड़ितों को दीवाली से पहले (30 दिनों के भीतर) मुआवजा/राहत राशि प्रदान करने का वादा पूरा करते हुए राज्य के लिए 209 करोड़ रुपये की पहली किश्त जारी की है. इसमें से संगरूर जिले के बाढ़ पीड़ितों को 3.50 करोड़ रुपये वितरित किए जाएंगे. आज, पंजाब के वित्त और योजना मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने धूरी निर्वाचन क्षेत्र में आठ बाढ़ प्रभावित परिवारों को स्वीकृति पत्र सौंपकर मुआवजा वितरण की शुरुआत की.
पंजाब भर में मिशन पुनर्वास के तहत राहत राशि का वितरण
इस अवसर पर बोलते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आज, पंजाब भर में 13 कैबिनेट मंत्री मिशन पुनर्वास के तहत राहत राशि वितरित करने के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने अजनाला में 631 किसानों को 5.70 करोड़ रुपये के चेक वितरित करके मिशन पुनर्वास की शुरुआत की थी. उन्होंने कहा कि देश में पहली बार किसानों को प्रति एकड़ 20,000 रुपये मुआवजा दिया गया है. पंजाब सरकार हर सुख-दुख में लोगों के साथ खड़ी है.
प्रभावित परिवारों और किसानों को बढ़ा मुआवजा
हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर फसलें खराब हो गई थीं. कई लोगों के घर और इमारतें ढह गई थीं. प्रत्येक प्रभावित परिवार को नुकसान का आकलन करने के बाद राहत राशि दी जाएगी. पहली बार, प्रत्येक क्षतिग्रस्त घर को 40,000 रुपये मिलेंगे, जबकि पहले केवल 4,000 रुपये मिलते थे. किसानों को फसल के नुकसान के लिए प्रति एकड़ 20,000 रुपये दिए जाएंगे.
केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप
उन्होंने कहा कि पंजाब और पंजाबी हमेशा प्राकृतिक आपदाओं के पीड़ितों के साथ खड़े रहे हैं. हालांकि, केंद्र सरकार हर क्षेत्र में पंजाब और पंजाबियों के साथ भेदभाव करती है. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पंजाब दौरे के दौरान घोषित 1600 करोड़ रुपये जल्द से जल्द जारी करे. चीमा ने स्पष्ट किया कि केंद्र द्वारा जारी किए गए 240 करोड़ रुपये वार्षिक किश्त का हिस्सा हैं, न कि अतिरिक्त राहत राशि.
समय पर बचाव कार्य से बचा बड़ा नुकसान
हरपाल सिंह चीमा ने दावा किया कि पंजाब सरकार ने लोगों के सहयोग से पूरी ताकत के साथ बाढ़ का मुकाबला किया.
उन्होंने कहा कि यदि समय पर बचाव और राहत कार्य शुरू न किए गए होते, तो नुकसान बहुत अधिक होता. संगरूर जिला प्रशासन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि घग्गर नदी में 747 फीट पानी होने पर आमतौर पर तटबंध टूट जाता था, लेकिन इस बार 755 फीट पानी होने के बावजूद स्थिति नियंत्रण में रही.
प्रशासन और स्थानीय लोगों की सराहना
इससे पहले, डिप्टी कमिश्नर राहुल चाबा ने संगरूर जिले में बाढ़ से निपटने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी और मुआवजा राशि जारी करने के लिए पंजाब सरकार का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए आपात स्थिति से निपटने के लिए अग्रिम व्यवस्थाएं की गई थीं. भारी बारिश के बावजूद, संगरूर जिले से गुजरने वाली घग्गर नदी के 41 किलोमीटर क्षेत्र में एक भी तटबंध नहीं टूटने दिया गया.
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग हुए शामिल
इस अवसर पर पंजाब राज्य खाद्य आयोग के सदस्य जसवीर सिंह सेखों, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर अमित बैंबी, एसडीएम ऋषभ बंसल, धूरी मार्केट कमेटी के चेयरमैन राजवंत सिंह घुली, अनवर भसौर, सोनी मंदर और बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे.
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