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अशीर्वाद योजना के तहत पंजाब में 5751 लाभार्थी बेटियों को 29.33 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता

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  • 5751 बेटियों को 29.33 करोड़ रुपए
  • कई जिलों की बेटियों को सहायता
  • हर बेटी को 51,000 रुपए मदद
  • केवल गरीब व योग्य बेटियों को लाभ
  • राशि सीधे बैंक खाते में डीबीटी

Punjab News : सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा अशीर्वाद योजना के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में अनुसूचित जाति वर्ग की 5751 लाभार्थी बेटियों को कुल 29.33 करोड़ रूपए की राशि जारी की गई है.

इस संबंध में जानकारी देते हुए डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि अशीर्वाद योजना के तहत जिला बठिंडा, बरनाला, फरीदकोट, फाजिल्का, फिरोजपुर, श्री फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, लुधियाना, मोगा, श्री मुक्तसर साहिब, पटियाला, रूपनगर, एस.ए.एस. नगर (मोहाली), एस.बी.एस. नगर (नवांशहर), संगरूर और मालेरकोटला जिलों की 5751 लाभार्थी बेटियों के आवेदन अशीर्वाद पोर्टल पर प्राप्त हुए थे. इन सभी लाभार्थियों को सहायता प्रदान करने के लिए कुल 29.33 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है.

बरनाला की 58 बेटियों को वित्तीय सहायता

उन्होंने बताया कि इस राशि से जिला बरनाला की 58, बठिंडा की 633, फरीदकोट की 67, फिरोजपुर की 349, श्री फतेहगढ़ साहिब की 106, गुरदासपुर की 265 और होशियारपुर की 70 लाभार्थी बेटियों को वित्तीय सहायता दी गई है. इसी प्रकार जालंधर की 1087, लुधियाना की 839, मोगा की 885, श्री मुक्तसर साहिब की 192, पटियाला की 357, रूपनगर की 147, एस.ए.एस. नगर की 65, एस.बी.एस. नगर की 359, संगरूर की 210 और मालेरकोटला की 62 लाभार्थी बेटियों को भी इस योजना का लाभ प्राप्त हुआ है.

बेटियों को 51,000 रुपए सहायता

डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि अशीर्वाद योजना के तहत राज्य सरकार गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह हेतु 51,000 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करती है, उन्होंने कहा कि यह योजना मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की लोक-कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है.

उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक पंजाब राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए, उसका परिवार गरीबी रेखा से नीचे हो, और वह अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से संबंधित हो. परिवार की वार्षिक आय सभी स्रोतों से 32,790 रुपए से कम होनी चाहिए. इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार की अधिकतम दो बेटियों को ही लाभ दिया जा सकता है.

सहायता राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि सहायता राशि का भुगतान डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डी बी टी ) के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में किया जाता है, उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार समाज के हर वर्ग के लोगों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार जहाँ सभी वर्गों की भलाई के लिए कार्य कर रही है, वहीं अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के कल्याण के लिए भी लगातार प्रयासशील है.

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