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पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा का केंद्र पर हमला, बाढ़ राहत पैकेज को बताया ‘निर्दयी मजाक’

Punjab Floods : पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब के लिए घोषित वित्तीय सहायता पैकेज की कड़ी निंदा करते हुए इसे राज्य के बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ “निर्दयी मज़ाक” कहा. उन्होंने राज्य के हवाई सर्वेक्षण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित “मामूली और अपमानजनक” बाढ़ राहत पैकेज के लिए केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की.

केंद्र की सहायता, पंजाब के साथ मजाक निर्दयी मज़ाक

यहां जारी एक प्रेस बयान में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि 1,600 करोड़ रुपये की सहायता पंजाब के लोगों के साथ एक निर्दयी मज़ाक है, जिन्हें चार दशकों में सबसे भयानक बाढ़ों के रूप में दर्शाए गए बाढ़ में भयंकर नुकसान झेलना पड़ा है. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री का दौरा सिर्फ एक फोटो-ऑप से अधिक कुछ नहीं था. हमारे प्रदेश द्वारा हफ्तों तक एक अभूतपूर्व प्राकृतिक आपदा से जूझने के बाद, प्रधानमंत्री ने अंततः एक बहुत ही मामूली सहायता पैकेज के साथ जवाब दिया है. हमारे किसानों, मजदूरों, गरीब लोगों, कारोबारों और बुनियादी ढांचे को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, और केंद्र सरकार के पास सिर्फ 1,600 करोड़ रुपये की मामूली राशि की पेशकश करने की हिम्‍मत है.”

गरीबों और मजदूरों की परेशानियों का किया जिक्र

खास तौर पर गरीब लोगों, जिनके घर तबाह हो गए, के अथाह दुखों और मजदूरों को हो रहे नुकसान का ज़िक्र करते हुए, पंजाब के वित्त मंत्री ने कहा कि इनमें से बहुत सारे लोग खुले आसमान के नीचे हैं, और मजदूरों ने एक पैसा भी नहीं कमाया है. उन्होंने गरीब लोगों द्वारा हुए भारी नुकसान, जिसमें फसलों, घरों और जनतंत्र बुनियादी ढांचे की व्यापक तबाही शामिल है, का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य सरकार पहले ही किसानों के लिए प्रति एकड़ 20,000 रुपये और जान गवाने वालों के वारिसों के लिए 4 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान कर चुकी है.

“हम राहत प्रदान करने के लिए अपनी पूरी ताकत से काम कर रहे हैं, पर आपदा का पैमाना इतना बड़ा है कि इसके लिए केंद्र से ठोस और तत्काल सहायता की आवश्यकता है. प्रधानमंत्री का ऐलान पंजाब के लोगों के साथ घोर अन्याय है,” उन्होंने आगे कहा.

लंबित फंड जारी करने की अपील को दोहराया

वित्त मंत्री ने पंजाब प्रति केंद्र सरकार की उदासीनता की कड़ी आलोचना करते हुए केंद्र से लंबित फंडों की रिहाई के लिए प्रदेश की लंबे समय से चली आ रही मांग को दोहराया, जिसमें जीएसटी मुआवजा और अन्य बकाया शामिल हैं, जिसकी राशि उन्होंने 60,000 करोड़ रुपये से अधिक बताई.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा इन फंडों की रिहाई के लिए लिखे पत्र का जवाब भी नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि जरूरी सहायता प्रदान करने की बजाय, भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार इस संकट का राजनीति कर रही है.

पंजाब के वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार से स्थिति का तुरंत मूल्यांकन करने और पंजाब को आपदा से उबारने में मदद करने के लिए एक व्यापक और उपयुक्त वित्तीय पैकेज की घोषणा करने की मांग की. उन्होंने कहा, “पंजाब के लोग हर संकट में देश के साथ खड़े रहे हैं. अब, हमारी ज़रूरत के समय, हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार हमारे साथ खड़ी होगी.”

यह भी पढ़ें : पंजाब में बाढ़ से तबाही…22 जिलों के 2097 गांव डूबे, लाखों प्रभावित – सरकार ने जारी की नई रिपोर्ट

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