
फटाफट पढ़ें
- पंजाब के पशुपालन को केंद्र ने सराहा
- कृत्रिम गर्भाधान मॉडल की प्रशंसा हुई
- 22 लाख से ज्यादा कृत्रिम गर्भाधान किए
- योजनाओं की समीक्षा और नई योजना बनी
- राज्यों में सहयोग बढ़ाने पर जोर
Punjab News : पशुपालन के क्षेत्र में पंजाब के मिसाल योग्य कार्यों को मान्यता देते हुए केंद्र सरकार ने पशुपालकों को महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने और विभिन्न प्रसार गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए यूट्यूब और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के सही उपयोग की सराहना की है. केंद्र सरकार ने विभाग द्वारा पशुपालकों को घर-घर दी जा रही कृत्रिम गर्भाधान सेवा की भी सराहना की और अन्य उत्तरी राज्यों को पंजाब के इस सफल मॉडल को अपनाने के लिए कहा.
2025-26 की योजनाओं पर चर्चा हुई
भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग की अतिरिक्त सचिव वर्षा जोशी की अध्यक्षता में हुई उत्तरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक (आर.आर.एम.), जिसकी मेज़बानी पंजाब सरकार ने की, के दौरान पंजाब के पशुपालन विभाग को यह प्रशंसा प्राप्त हुई. इस बैठक में पशुधन स्वास्थ्य रोग नियंत्रण कार्यक्रम और राष्ट्रीय पशुधन मिशन की प्रगति की समीक्षा की गई. इस बैठक में आठ उत्तरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, जिनमें उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, हरियाणा, लद्दाख, चंडीगढ़ और पंजाब शामिल थे, के अधिकारी एकत्र हुए. इस बैठक के दौरान स्वीकृत वार्षिक कार्य योजनाओं के अनुसार वर्ष 2024-25 की पशुधन स्वास्थ्य एवं विकास योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के साथ-साथ वर्ष 2025-26 की योजनाएँ बनाने पर भी विचार-विमर्श किया गया.

आवारा पशुओं की समस्या और नस्ल सुधार पर काम हुआ
पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास एवं मत्स्य पालन विभाग के प्रमुख सचिव राहुल भंडारी ने विभाग की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिसमें आवारा पशुओं की समस्या से निपटने और नस्ल सुधार के लिए बछड़े/बछिया उत्पन्न करने हेतु सेक्स- सॉर्टेड सीमन की 3.75 लाख खुराकों की खरीद और लक्षित पशु आबादी का 100 प्रतिशत मुँह-खुर रोग से बचाव हेतु एफएमडी टीकाकरण शामिल है, उन्होंने बताया कि विभाग ने मिसाल कायम करते हुए वित्त वर्ष 2024-25 में 22.26 लाख कृत्रिम गर्भाधान किए हैं. इसके अतिरिक्त 18.50 लाख सीमन स्ट्रॉ (गायों के लिए 6.47 लाख और भैंसों के लिए 12.03 लाख) का उत्पादन भी किया है.
केंद्र की टीम ने पंजाब के प्रयासों की सराहना की
राहुल भंडारी ने वर्ष 2024-25 और वर्ष 2025-26 के लिए भौतिक एवं वित्तीय प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत की. केंद्र की टीम, जिसमें वर्षा जोशी के नेतृत्व में भारत सरकार के डीएएचडी के अतिरिक्त सचिव राम शंकर सिन्हा, डीएएचडी के संयुक्त सचिव डॉ. मुथुकुमारसामी बी. और सलाहकार (आंकड़ा) डीएएचडी भारत सरकार जगत हजारिका शामिल थे, ने पंजाब के पशुपालन विभाग के प्रयासों की सराहना की और स्वीकृत योजनाओं के लिए और अधिक फंडिंग का आश्वासन भी दिया, उन्होंने पंजाब सरकार द्वारा “पंजाब बोवाइन ब्रीडिंग एक्ट” को प्रभावी ढंग से लागू करने की भी सराहना की, जो गायों और भैंसों में प्रजनन गतिविधियों को नियंत्रित करता है.

सहयोग के नए अवसर तलाशने पर जोर दिया गया
केंद्र की टीम का उनके समर्थन और प्रशंसा के लिए धन्यवाद करते हुए राहुल भंडारी ने कहा कि इस बैठक में भाग लेने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विभिन्न कार्यक्रमों और नीतियों के सही कार्यान्वयन हेतु अपने अनुभव, सर्वोत्तम अभ्यास और सामने आई चुनौतियों को साझा करने के लिए एक उपयुक्त मंच प्रदान किया है, उन्होंने कहा कि इस बैठक का उद्देश्य सुधार की आवश्यकता वाले क्षेत्रों की पहचान करना, सहयोग के अवसर तलाशना, साझा समस्याओं के समाधान खोजना, भागीदार संस्थानों के बीच अंतर-राज्यीय सहयोग बढ़ाना और मूल्यवान विचारों एवं जानकारी को साझा करने के लिए एक उपयुक्त वातावरण तैयार करना था.
अधिकारियों ने क्षेत्रीय सहयोग पर चर्चा की
राहुल भंडारी ने पशुपालन, डेयरी विकास एवं मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास और प्रगति को बढ़ावा देने के लिए अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ सहयोग के प्रति पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया. इस बैठक में भाग लेने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने क्षेत्र में सहयोग और सामूहिक प्रगति की भावना को प्रोत्साहित करने पर सार्थक चर्चा की.
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