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पंजाब पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, हरिद्वार में ट्रामाडोल की अवैध सप्लाई चेन का पर्दाफाश

Punjab Tramadol Racket Busted : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों के तहत चल रही नशा विरोधी मुहिम ‘युद्ध नशे विरुद्ध’ में पंजाब पुलिस ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है. अमृतसर पुलिस कमिश्नरेट ने उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित एक निर्माण यूनिट तक फैले ट्रामाडोल की अवैध सप्लाई चेन का पर्दाफाश किया है. यह कार्रवाई एक छोटी सी बरामदगी, मात्र 35 ट्रामाडोल गोलियों, से शुरू हुई, जिसने एक बड़े फार्मा ओपिओइड नेटवर्क को उजागर किया.


जब्त हुआ भारी मात्रा में नशीला पदार्थ

यह सफलता अमृतसर के थाना ए-डिवीजन में दर्ज एफआईआर के तहत स्थानीय तस्कर रविंदर सिंह उर्फ निका की गिरफ्तारी के बाद की गई गहन जांच का परिणाम है. पुलिस ने सिर्फ 15 दिनों में 74,465 ट्रामाडोल गोलियां, 50 अल्प्राजोलम गोलियां, 325 किलोग्राम ट्रामाडोल का कच्चा माल, और 7.69 लाख रुपये की ड्रग मनी बरामद की है.


छह गिरफ्तार, लूसेंट बायोटेक का प्लांट हेड शामिल

पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि इस मामले में लगातार खुलासों और छापेमारी के आधार पर छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें लूसेंट बायोटेक लिमिटेड, रुड़की के प्लांट मैनेजर हरी किशोर, रिकाल लाइफसाइंसेज, रुड़की के मालिक बिक्रम, मनीष कुमार अरोड़ा, पूरन जाटव, और कथूनंगल के मेडिकल स्टोर मालिक कुलविंदर सिंह उर्फ किंदा शामिल हैं.


नियमों का उल्लंघन कर रही कंपनियों को किया गयी सील

डीजीपी यादव ने खुलासा किया कि जब्त की गई ‘ट्राकेमी-100’ ट्रामाडोल की पट्टियों पर “केवल सरकारी आपूर्ति – बिक्री के लिए नहीं” लिखा था, जो सरकारी मेडिकल स्टॉक की अवैध हेराफेरी को दर्शाता है. यह गंभीर चिंता का विषय है. नियमों का उल्लंघन करने वाली फार्मा कंपनियों को सील कर दिया गया है, और उनके रिकॉर्ड्स की जांच जारी है.


हरिद्वार में छापेमारी और खुलासे

अमृतसर पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि अमृतसर पुलिस और ड्रग इंस्पेक्टरों की संयुक्त टीम ने हरिद्वार के रुड़की में फार्मा यूनिट्स पर छापेमारी की. यहां से 4,130 बिना लेबल की ट्रामाडोल गोलियां और 325 किलोग्राम अवैध कच्चा माल बरामद हुआ. पूछताछ में हरी किशोर ने स्वीकार किया कि उसने ‘ट्राकेमी-100’ की पट्टियों पर सरकारी आपूर्ति का लेबल छपवाया और ट्रामाडोल की अवैध सप्लाई रिकाल लाइफसाइंसेज को की.


कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच

इस मामले में थाना ए-डिवीजन, अमृतसर में एनडीपीएस एक्ट की धारा 22, 27(ए), 29, और 31 तथा भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस ने इस नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर ली है, और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है.


नशा मुक्त पंजाब का संकल्प

मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब पुलिस नशे की सप्लाई चेन को तोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है. इस कार्रवाई से न केवल अवैध फार्मा ओपिओइड नेटवर्क को झटका लगा है, बल्कि यह भी स्पष्ट हो गया है कि सरकार नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कदम उठाने में पीछे नहीं हटेगी. डीजीपी यादव ने कहा कि यह ऑपरेशन नशा मुक्त पंजाब के लिए एक बड़ा कदम है.


यह भी पढ़ें : पंजाब में AAP का नशे के खिलाफ बड़ा कदम, स्कूली छात्रों को पढ़ाया जाएगा नशा विरोधी पाठ्यक्रम

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