
Kanpur Minister Protest : कानपुर देहात की राजनीति में उस वक्त हलचल मच गई जब बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने अपनी ही सरकार के अधिकारियों के खिलाफ सख्त नाराज़गी जाहिर की. गुरुवार को अकबरपुर कोतवाली में उन्होंने घंटों धरना दिया, लेकिन आरोपित कोतवाल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे मंत्री और ज़्यादा नाराज नजर आईं.
शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में प्रतिभा शुक्ला ने कहा, “ऐसा लग रहा है जैसे हम विपक्ष में हैं और सरकार अधिकारियों की हो गई है.” उन्होंने सीधे तौर पर एक वरिष्ठ पार्टी नेता और कोतवाल सतीश सिंह पर जातीय पक्षपात का आरोप लगाया, और कहा कि एसपी भी उसी दबाव में काम कर रहे हैं.
ब्राह्मण समाज की बात सुनने वाला कोई नहीं
उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष की सरकार होती, तो एक फोन पर समस्या हल हो जाती. लेकिन अब हालत यह है कि मंत्री को खुद धरना देना पड़ रहा है. प्रतिभा शुक्ला ने यह भी जोड़ा कि प्रदेश में ब्राह्मण समाज की बात सुनने वाला कोई नहीं बचा है. यदि समाज को अपनी बात मनवानी है, तो उसे एकजुट होकर नेतृत्व तय करना होगा. अगर पार्टी इस बयान पर कार्रवाई करती है, तो वे पूरे प्रदेश में ब्राह्मण एकता के लिए यात्रा शुरू करेंगी.
धरने के दौरान उनके पति का भी एक वीडियो सामने आया, जिसमें उन्होंने डिप्टी सीएम की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, आपको ब्राह्मणों की सुरक्षा के लिए नियुक्त किया गया था, लेकिन अब ब्राह्मणों पर ही मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं.
पार्षद से विवाद, एफआईआर और धरना
दरअसल, विधायक निधि से अकबरपुर नगर पंचायत के बदलापुर में बन रही सड़क को लेकर पार्षद शमशाद और राज्यमंत्री के समर्थकों में टकराव हो गया. जब निर्माण को रोका गया, तो शमशाद पर मुकदमा दर्ज हुआ. इसके जवाब में उनके समर्थक बाबूराम गौतम ने मंत्री के समर्थकों पर एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर करवा दी.
विरोध में राज्यमंत्री गुरुवार दोपहर अकबरपुर कोतवाली पहुंच गईं और कोतवाल सतीश सिंह व लालपुर चौकी इंचार्ज को हटाने की मांग करते हुए धरने पर बैठ गईं. देर रात चौकी इंचार्ज को तो हटा दिया गया, लेकिन कोतवाल के खिलाफ सिर्फ जांच की बात कही गई, जिससे मंत्री संतुष्ट नहीं हुईं.
‘अर्थयुग‘ में दबते अधिकारी, सीएम के निर्देश बेअसर?
प्रतिभा शुक्ला ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि निष्पक्ष काम हो, लेकिन “यह अर्थयुग है और अफसर किसी की नहीं सुनते.” उन्होंने साफ कहा कि वह कार्यकर्ताओं के अधिकार और ब्राह्मण समाज के सम्मान की लड़ाई लड़ती रहेंगी.
साथ ही उन्होंने एक बार फिर बीजेपी सांसद भोले सिंह पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि पार्षद सपा समर्थक है, इसी कारण उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही.
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