
UP News : लंबी दूरी की ट्रेन यात्रा में किराया बढ़ाने के रेलवे बोर्ड के प्रस्ताव को लेकर बहुजन समाज पार्टी (BSP) अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने बयान दिया है. भारतीय रेलवे (Indian Railway) के इस फैसले की जीएसटी से तुलना करते हुए बसपा चीफ ने कहा है कि इससे गरीबों और आम लोगों को दिक्कत होगी.
मायावती ने कहा कि साथ ही सरकार द्वारा राष्ट्र प्रथम के नाम पर आमजन का GST की तरह ही रेलवे के माध्यम से दैनिक जीवन पर बोझ बढ़ाकर उनका शोषण बढ़ाने की परंपरा घोर अनुचित है, जिस पर सरकार अगर पुनर्विचार करे तो यह बेहतर होगा.
तंगी की त्रस्त जीवन की मार से अतिपीड़ित और दुखी
उन्होंने कहा कि देश के अधिकांश लोग जब महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी व कमाई घटने आदि की हर दिन की भूख-प्यास तथा गरीबी व तंगी की त्रस्त जीवन की मार से अतिपीड़ित और दुखी हैं, ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा देश में रेल का किराया बढ़ाना भी कुल मिलाकर आम जनहित के विरूद्ध व संविधान के कल्याणकारी उद्देश्य के बजाय, व्यवसायिक सोच वाला फैसला ज्यादा लगता है.
‘घर छोड़कर पलायन करने की मजबूरी’
मायावती ने कहा कि वैसे भी इस समय देश में बढ़ती गरीबी, महंगाई व सम्मान जनक स्थायी रोजगार के घोर अभाव में परिवार को पालने के लिए अपना घर छोड़कर पलायन करने की मजबूरी आदि के कारण यहां के करोड़ों लोगों के लिए यह रेल का सफर कोई फैशन, आनंद व पर्यटन नहीं है, बल्कि रेल का यह अतिकष्टदायी सफर आम जरूरत व मजबूरी है.
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