
Jammu & Kashmir: जम्मू कश्मीर में तबादले पर एलजी के फैसले को लेकर सीएम उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस और सहयोगी दलों के विधायकों की तत्काल बैठक बुलाने का फैसला लिया।
जम्मू-कश्मीर में बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा के 48 अधिकारियों के तबादले के आदेश दिए। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के इस कदम के बाद सीएम उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार यानी आज सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस और सहयोगी दलों के विधायकों की तत्काल बैठक बुलाने का निर्णय लिया।
विधायकों को भी आमंत्रित किया गया है
इस बैठक में गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के विधायकों को भी आमंत्रित किया गया है। इस बैठक के एजेंडे को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं क्योंकि सीएम उमर अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता चुप्पी साधे हुए हैं। इस बैठक के दौरान प्रशासनिक मामलों में राजभवन द्वारा कथित हस्तक्षेप पर चर्चा होने की संभावना है जो निर्वाचित सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
विशेषाधिकार होने का जिक्र किया
नौकरशाही पर पूर्ण नियंत्रण के प्रयास के रूप में देखे जा रहे इस कदम के तहत उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दो दिन पहले 14 अतिरिक्त उपायुक्त और 26 सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट समेत जेकेएएस के 48 अधिकारियों के तबादले का आदेश दिया। सूत्रों ने बताया कि सीएम ने एलजी को पत्र लिखकर एकतरफा फैसले की समीक्षा करने को कहा है और अखिल भारतीय सेवा कैडर से बाहर के अधिकारियों का तबादला और नियुक्ति निर्वाचित सरकार का विशेषाधिकार होने का जिक्र किया है।
शामिल होने का अनुरोध किया
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीएम उमर अब्दुल्ला ने पत्र में कहा कि ऐसे आदेश निर्वाचित सरकार के कामकाज और अधिकार को कमजोर करते हैं। बताया जाता है कि सीएम उमर अब्दुल्ला ने यह मामला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष उठाया था और शिकायत की थी कि तबादलों सहित उपराज्यपाल के कई कदम उनकी सरकार के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण हैं। शुक्रवार की बैठक के संबंध में घोषणा नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य सचेतक मुबारक गुल ने की। उन्होंने इस बैठक की अहमियत पर जोर देते हुए सभी सहयोगी सदस्यों से इसमें शामिल होने का अनुरोध किया।
तबादला सीएम के अधिकार क्षेत्र में आता है
वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम अहमद मीर ने कहा उपराज्यपाल के लिए यह उचित होता कि वह कुछ समय प्रतीक्षा करते क्योंकि कार्य नियमावली अभी स्वीकृति के लिए लंबित है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को थोड़ा धैर्य रखना चाहिए था। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता मीर ने कहा कि सरकार ने पहले ही कार्य नियमावली का प्रस्ताव पास कर दिया है और उन्हें मंजूरी के लिए दिल्ली भेजा गया है। गुलाम अहमद मीर ने कहा कि वर्तमान कार्य नियमावली के मुताबिक स्थानीय जेकेएएस अधिकारियों का तबादला सीएम के अधिकार क्षेत्र में आता है।
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