
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव के ऊपर लगातार कार्रवाई की तलवार लटक रही है। पहले ट्रांस्फर में हुई गड़बड़ी के बाद अब अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय में की गई है। शिकायतकर्ता महेश श्रीवास्तव ने आरोप लगाया है कि अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने विद्वेष की भावना से कई जिलों का भुगतान रोका हुआ है।
शिकायतकर्ता महेश श्रीवास्तव आर क्यूब ग्रुप आफ कंपनीज द्वारा सरकारी अस्पतालों के निर्माण, अग्निशमन यंत्र लगाने सहित अन्य बड़े कार्य किए जाते हैं। कंपनी का आरोप है कि विद्वेष की भावना से अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद उनका भुगतान नहीं होने दे रहे जबकि कार्य पूर्ण होने के 90 दिन के भीतर भुगतान किया जाना चाहिए। तमाम पत्र लिखे जाने के बावजूद भी उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है।
बीते दिनों उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के तबादलों में गड़बड़ी पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया। एसीएस हेल्थ अमित मोहन प्रसाद की अगुवाई में हुए तबादलों पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के लिखे गए पत्र के बाद हुई जांच में भयंकर गड़बड़ियां सामने आई हैं इसपर मुख्यमंत्री योगी ने रिपोर्ट तलब की। पीएमओ ने मुख्य सचिव को मामले में उचित कार्यवाही कर इसकी सूचना शिकायतकर्ता को भेजने और पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए।
पीएमओ ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा से मामले की जांच कर जवाब भेजने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल अपर मुख्य सचिव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। लोकायुक्त संजय मिश्र ने भी उनसे उपकरण खरीद में गड़बड़ी पर 28 जुलाई तक जवाब मांगा गया है।
इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक को पत्र के जरिए अमित मोहन प्रसाद के खिलाफ गड़बड़ियों की शिकायत मिली थी। जिसके बाद एसीएस के खिलाफ जांच की गई, जिसकी रिपोर्ट सीएम योगी को दी गई थी।