Sawan 2022: शिव पूजा करते समय ये 10 नियम है बेहद लाभकारी, मिलेगा मनवांछित फल

Sawan 2022
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Sawan 2022: कहते है सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के जन्मों-जन्म के कष्टों का निवारण हो जाता है। शिव पूजा में विधि और नियमों का ध्यान रखना सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है। जो व्यक्ति नियमों का पालन करते हुए शिव जी की पूजा करता है उसे निश्चित रूप से मनवांछित फल प्राप्त होता है। आइये जानते हैं कुछ ऐसे विशेष नियम जिनका पालन करना आपके लिए फ़ायदेमंद साबित हो सकता है।

शिव पूजा करते समय ये 10 नियम है बेहद लाभकारी

  • प्रथम पूजनीय और महादेव के पुत्र गणेशजी का ध्यान करें।
  • शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए तांबे के लोटे का प्रयोग करें।
  • चांदी या स्टील के लोटे से शिवजी को अर्पण दूध,पंचामृत चढ़ाएं।
  • दूध,दही,घी,मिश्री और शहद मिलाकर पंचामृत को बनाया जाता है।
  • पंचामृत के बाद शिवजी को जल चढ़ाएं।
  • भगवान भोले को चंदन अत्यंत प्रिय है शिवलिंग पर सफेद चंदन का त्रिपुण्ड या तिलक लगाएं कहते हैं शिव जी को चंदन लगाने से समाज में मान सम्मान और यश बढ़ता है।
  • शिवजी को भांग,धतूरा और बेल पत्र अत्यंत ही प्रिय है, इन्हें चढ़ाने से आपकी सभी मनोकामानाएं पूर्ण होती है।
  • इन सबके अलावा भगवान शिव को सफेद मिठाई जैसे; रेवड़ी, और इसके अलावा चिरौंजी और मिश्री भी चढ़ाई जाती है। सावन के महीने में भोले बाबा का व्रत रखकर उन्हें गुड़, चना और चिरौंजी का भोग लगाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  • धूप-दीप जलाकर ॐ नमः शिवाय का मंत्रउच्चारण करें।
  • अपनी सारी गलतियों को लेकर भगवान भोले से क्षमा मांगें।

आखिर क्यों अत्यंत प्रिय है शिव जी को जल

पौराणिक कथा के अनुसार, सृष्टि की रक्षा के लिए मंथन हुआ था जिससे निकले बेहद ही खतरनाक कालकूट विष को भगवान भोलेनाथ ने उसका सेवन करके सृष्टि की रक्षा की थी। जिसकी वजह से उनका कंठ नीला पड़ गया था तभी से उनका नाम नीलकंठ पड़ गया था। समस्त देवी-देवताओं ने शिवजी को विष के प्रभाव से राहत दिलवाने के लिए को उन्हें शीतल जल अर्पित किया और तभी से शिवजी को जल बहुत प्रिय है और इसलिए ये जलाभिषेक प्रथा हर सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए चली आ रही है।

रिपोर्ट- अंजलि

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