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राहुल गांधी पर 272 वरिष्ठ नागरिकों का खुला पत्र, चुनाव आयोग पर उठाए सवालों को बताया खतरा

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  • 272 वरिष्ठ नागरिकों ने राहुल गांधी पर पत्र लिखा
  • पत्र में सेना और न्यायपालिका पर आरोप
  • राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाए
  • वरिष्ठ नागरिकों ने संस्थाओं की रक्षा की बात कही
  • पत्र में लोकतंत्र के खतरे की चेतावनी दी

Rahul Gandhi : देश के 272 वरिष्ठ नागरिकों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ खुला पत्र लिखा है. इनमें 16 पूर्व जज, 123 रिटायर्ड नौकरशाह (जिनमें 14 पूर्व राजदूत भी शामिल हैं) और 133 रिटायर्ड सैन्य अधिकारी शामिल हैं. खुले पत्र का शीर्षक ‘राष्ट्रीय संवैधानिक संस्थाओं पर हमला’ रखा गया है. पत्र में कहा गया है कि सिविल सोसाइटी के वरिष्ठ नागरिक भारत की लोकतंत्र की स्थिति को लेकर चिंतित हैं, उन्होंने लिखा कि अब लोकतंत्र पर हमला बंदूक के बल से नहीं, बल्कि भड़ाकाऊ और जहर भरी भाषा से हो रहा है. कुछ राजनीतिक नेता नीतियों की असली बहस करने की बजाय बेबुनियाद आरोप लगाकर नाटकीय राजनीति कर हे हैं.’

राहुल गांधी पर खुला पत्र

पत्र में कहा गया है कि राहुल गांधी ने पहले भारतीय सेना की वीरता और उपलब्धियों पर सवाल उठाए. फिर न्यायपालिका की निष्पक्षता पर टिप्पणी की. इसके बाद उन्होंने संसद और उसके संवैधानिक अधिकारियों को निशाना बनाया. अब उनका रूख चुनाव आयोग की ओर है. पत्र में बताया गया है कि चुनाव आयोग की साख और ईमानदारी पर सुनियोजित हमले किए जा रहे हैं. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बार-बार चुनाव आयोग पर आरोप लगा रहे हैं और दावा कर रहें हैं कि उनके पास वोट चोरा के पक्के सबूत हैं, उन्होंने कहा कि उनके पास 100 फीसदी पक्का सबूत मौजूद है और इसे ‘परमाणु बम’ से तुलना करते हुए धमकी दी कि जब यह सामने आएगा तो चुनाव आयोग के पास छिपने की कोई जगह नहीं बचेगी.’

संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र को खतरा

पत्र में कहा गया है कि राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के अधिकारियों के खिलाफ भी गंभीर धमकी दी है, उन्होंने कहा कि आयोग में शामिल कोई भी व्यक्ति बच नहीं पाएगा और आयोग देशद्रोह कर रहा है, राहुल गांधी ने यह भी कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त रिटायर हो जाएं, तब भी वे उनका पीछा नहीं छोड़ेंगे. इसके बावजूद उन्होंने कोई औपचारिक शिकायत या हलफनामा दाखिल नहीं किया. बिना सबूत के आरोप लगाना और सरकारी अधिकारियों को डराना-धमकाना गलत है. 272 हस्ताक्षरकर्ताओं ने कहा कि इस तरह की भाषा और आधारहीन आरोप संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करते हैं और लोकतंत्र के लिए खतरा हैं. यह खुला पत्र ऐसे समय में आया है जब राहुल गांधी लगातार EVM और चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं.

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