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Amir Hussain Lone: हादसे में हाथ खोए लेकिन हौसला नहीं, आमीर की कहानी छू लेगी दिल

Amir Hussain Lone: इंसान के पास कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो वो क्या नहीं कर सकता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है कश्मीर के आमीर हुसैन लोन ने, जिन्होंने अपने दोनों हाथ गंवाने के बावजूद भी क्रिकेट की दुनिया में अपना पैर जमाया है।

आरा मशीन से कट गए थे हाथ

आमीर हुसैन के 1997 में महज 8 साल की उम्र में आरा मशीन से हाथ कट गए थे। लेकिन उन्होंने फिर भी कभी हार नहीं मानी। आमीर ने बताया की, ‘दुर्घटना के बाद, मैंने उम्मीद नहीं खोई और कड़ी मेहनत की। मैं सब कुछ अपने आप कर सकता हूं और मैं किसी पर निर्भर नहीं हूं। मेरे दुर्घटना के बाद किसी ने मेरी मदद नहीं की। यहां तक कि सरकार ने भी मेरा समर्थन नहीं किया लेकिन मेरा परिवार हमेशा साथ रहा।’

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हादसे से उभरने में लगे 3 साल

आमीर ने बताया की उन्हें इस हादसे से उभरने में करीब 3 साल लगे थे। तीन साल तक वह ठीक होने के लिए अस्पताल में संघर्ष करते रहे। संभलना मुश्किल था लेकिन उन्होंने किसी तरह खुद को संभाला और वापिस खड़े हुए। आमीर ने बताया की हादसे के बाद उनका परिवार ही उनकी हिम्मत बना था। परिवार वालों के साथ की वजह से ही वो आज इस मुकाम पर पहुंच पाएं है।

जम्मू-कश्मीर पैरा क्रिकेट टीम के कप्तान है आमीर

आमीर हुसैन  अब जम्मू-कश्मीर पैरा क्रिकेट टीम के कप्तान है। उन्होंने हादसे के बाद स्पोर्टस् ट्रेनिंग लेना शुरू किया था। उन्होंने कड़ी मेहनत और जज्बे से हर मुश्किल को पार किया और आज इस मुकाम पर खड़े हुए हैं। आमीर कई क्रिकेट लीग का हिस्सा रहे हैं। आमीर दिल्ली, लखनऊ, केरल, मुंबई और हैदराबाद समेत कई क्रिकेट लीग में खेल चुके हैं। उन्होंने अपने जज्बे से कई खिलाड़ियों को पछाड़ा है। और अब आमीर की जिंदगी पर एक फिल्म भी बनने जा रही है।

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