
Uttar Pradesh : सीएम योगी ने आज यहां उत्तर प्रदेश राज्य फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान में ’साइबर युद्ध के आयाम, बहुपक्षीय कानूनी ढांचे, फॉरेंसिक और रणनीतिक प्रतिकार’ के विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय समिट का शुभारम्भ किया. इस अवसर पर उन्होंने छात्र-छात्राओं को टैबलेट प्रदान किए. सीएम योगी ने पद्मश्री डॉ0 लाल जी सिंह एडवांस्ड डी0एन0ए0 डायग्नोस्टिक सेन्टर (ए0डी0डी0सी0), ए0आई0, ड्रोन और रोबोटिक्स लैब, ‘तरकश’ व अटल पुस्तकालय का उद्घाटन किया. इसके साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश के समस्त जनपद कमिश्नरेट हेतु 75 मोबाइल फॉरेंसिक वैन (एम0एफ0वी0) का फ्लैग ऑफ भी किया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस प्रदेश पुलिस तथा भावी पीढ़ी को आगे बढ़ने के लिए न्यू ऐज कोर्सेज और तकनीक से जोड़ रहा है. यह आज की आवश्यकता है और भविष्य के विकसित भारत की आधारशिला है. आज उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस का तीसरा स्थापना दिवस है. संस्थान की विगत दो वर्षों की उपलब्धियां इसे आगे बढ़ने के लिए एक सुदृढ़ नींव प्रदान करती हैं.
सीएम योगी ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि संस्थान अपना तीसरा सत्र प्रारम्भ कर चुका है. विकसित भारत के विकसित उत्तर प्रदेश में तीन दिवसीय समिट का आयोजन वर्तमान की चुनौतियों का सफलतापूर्वक मुकाबला करने में हमें मजबूती प्रदान करेगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह सेमिनार आज की आवश्यकता है. जब भी भारतीय परम्परा में कोई मंथन हुआ है, तो उससे अमृत अवश्य निकला है. यह परम्परा वैदिक कालखण्ड से ही चली आयी है. भारत का जितना भी वैदिक और पौराणिक ज्ञान है, वह किसी न किसी मंथन का परिणाम है. देश के चार प्रमुख स्थानों पर कुम्भ का आयोजन ऐसा ही मंथन है. कुम्भ भारत की सम्पूर्ण ज्ञान परम्परा के मंथन का प्रतीक है.
उन्होंने कहा कि भारत के ऋषि-मुनि, आचार्यगण एवं विद्वत शक्तियां कुम्भ में एकत्रित होती हैं. इनके चिन्तन-मनन के माध्यम से जो भी नया शोध होता है, उसे वर्तमान तथा भावी पीढ़ी को प्रदान करने की दृष्टि से कुम्भ का विशिष्ट महत्व है. लखनऊ में स्टेट फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट की स्थापना के पीछे हमारी यही मंशा रही है.
सीएम योगी ने कहा कि भारतीय संस्कृति ‘आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः’ के लिए आग्रही रही है. अर्थात ज्ञान के लिए हम अपने चारों ओर के दरवाजे खुले रखे. जब भी चिन्तन-मनन की परम्परा बाधित हुई है, तो उसने नये संघर्ष को जन्म दिया और विकास की यात्रा को भी बाधित किया है. आज से 3,500 वर्ष पूर्व नैमिषारण्य में 88,000 ऋषि-मुनियों की सबसे बड़ी गोष्ठी हुई थी. इसके माध्यम से उस समय ज्ञान के रूप में पुराणों की परम्परा प्रस्तुत हुई.
सीएम योगी ने कहा कि इसी परम्परा के अनुरूप विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर यहां तीन दिवसीय समिट आयोजित हो रही है. हमें यह देखना होगा कि फॉरेंसिक साइंस की आज की आवश्यकताएं क्या हैं. साइबर फ्रॉड से बचने तथा नेशनल सिक्योरिटी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए हम कैसे इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं. ड्रोन टेक्नोलॉजी तथा रोबोटिक्स के लाभ और चुनौतियां क्या हैं. इन सभी मुद्दों पर यहां एक नये मंथन के माध्यम से हम वर्तमान की चुनौतियों के अनुरूप समाज को तैयार कर सकेंगे, तो इसका लाभ देश की सर्वाधिक आबादी वाले राज्य की जनता के साथ ही यहां की पुलिस फोर्स को ही मिलेगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2017 के पहले उत्तर प्रदेश में मात्र 04 फॉरेंसिक लैब थी. उस समय अपराधी को सजा नहीं हो पाती थी, क्योंकि सजा होने की कोई स्थिति भी नहीं थी. उस समय कोई अपराध होने पर सैम्पल के परिणाम आने में कई वर्ष लग जाते थे. तब तब सैम्पल नष्ट हो चुके होते थे और अपराधी को सजा नहीं मिल पाती थी. उस समय जीरो टॉलरेंस मात्र शासन के वक्तव्यों तक ही सीमित था. हमने उत्तर प्रदेश की 18 रेंज में ‘ए’ ग्रेड की फॉरेंसिक लैब की स्थापना की ओर अपना ध्यान केन्द्रित किया. वर्तमान में 12 लैब्स बनकर तैयार हैं और 06 निर्माणाधीन हैं.
75 नई मोबाइल फॉरेंसिक यूनिट उपलब्ध
आगे उन्होंने कहा कि जुलाई, 2024 से तीन नये कानून लागू हुए. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अन्तर्गत 07 वर्ष से अधिक दण्ड वाले हर अपराध के लिए, जिनमें फॉरेंसिक साक्ष्य अनिवार्य है, हम हर जनपद में एक-एक मोबाइल फॉरेंसिक यूनिट पहले ही उपलब्ध करा चुके हैं. आज राज्य सरकार ने 75 जनपदों के लिए 75 नई मोबाइल फॉरेंसिक यूनिट उपलब्ध कराई हैं. यह घटना स्थल से साक्ष्य एकत्र करने और अपराधी को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण साबित होगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2017 के पहले प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जनपद में ही एकमात्र साइबर थाना था. लखनऊ में साइबर थाना निर्माणाधीन था. हमारी सरकार ने प्रदेश के सभी जनपदों में साइबर थानों की स्थापना की है. सभी 1,587 थानों में साइबर हेल्प डेस्क बनायी गयी है. यहां मास्टर ट्रेनर भेजे गये हैं, जो पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं. साइबर फ्रॉड रोकने सहित वर्तमान की चुनौतियों का सामना करने के लिए हम शीघ्र ही साइबर मुख्यालय बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं.
अटल लाइब्रेरी का शुभारम्भ
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर में पूरा युद्ध ही साइबर युद्ध के रूप में लड़ा गया. अब हमें फाइटर प्लेन से आगे जाकर कार्य करना होगा. सुपरसोनिक मिसाइल या ड्रोन जो साइबर चुनौती का सामना कर सके, वही आज उपयोगी हो सकता है. इस दृष्टि से आज यहां कई कार्यां का उद्घाटन किया गया है. यहां एडवांस्ड डी0एन0ए0 डायग्नोस्टिक सेन्टर का उद्घाटन किया गया है. यह एक विश्वस्तरीय डी0एन0ए0 डायग्नोस्टिक लैब है. इस संस्थान में ए0आई0, ड्रोन और रोबोटिक्स लैब ऐप का उद्घाटन भी किया गया. यहां नैनों ड्रोन से लेकर 40 किलोग्राम वजन लेकर अपना लक्ष्य प्राप्त करने वाले ड्रोन भी उपलब्ध हैं. यहां पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम पर अटल लाइब्रेरी का शुभारम्भ हुआ है.
सीएम योगी ने कहा कि हमें वर्तमान चुनौतियों और समाज की मांग के अनुरूप स्वयं को तैयार करना होगा और लगातार इस दिशा में कार्य करना होगा. अगर हमारे पास टेक्नोलॉजी नहीं होती, तो महाकुम्भ-2025 सफलता की ऊँचाइयों पर नहीं पहुंच पाता. हमने महाकुम्भ में तकनीक का बेहतर प्रयोग किया. हर जनपद में भी तकनीक के बेहतर उपयोग किये जा रहे हैं. आज उत्तर प्रदेश पुलिस भी इस दिशा में कार्य कर रही है. अब अपराधी 24 से 48 घण्टे में ही पुलिस के हाथ आ जाते हैं. यह स्थिति उत्तर प्रदेश पुलिस ने विकसित कर ली है. इसी का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश सुरक्षा के मानकों को तेजी से प्राप्त कर रहा है. अब उत्तर प्रदेश पुलिस का नाम सुनकर अपराधियों में कानून का भय उत्पन्न होता है. एक कॉमन मैन में सुरक्षा का विश्वास पैदा करने के लिए हमें अपने आपको तैयार करना होगा.
तकनीक के माध्यम से ही समाधान
सीएम योगी ने कहा कि जिस जमीन पर उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस की स्थापना हुई है, पहले वह एक भू-माफिया के कब्जे में थी. हमने इसे कब्जे में लेकर यहां पर फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट का निर्माण कराया है. वर्तमान में यह एक प्रतिष्ठित संस्था बन चुकी है. यहां अलग-अलग कोर्सेज संचालित हो रहे हैं. यह नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, गांधीनगर, गुजरात से सम्बद्ध है और बेहतरीन ताल-मेल से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तकनीक ने हमारे जीवन को आसान बनाया है, तो उतनी ही बड़ी चुनौती भी प्रस्तुत की है. हमें उस चुनौती का सामना करने के लिए और नकारात्मक ताकतों से मानवता की सुरक्षा के लिए तकनीक के माध्यम से ही समाधान का मार्ग अपनाना होगा. भारतीय संविधान ने आपको यह शक्ति दी है. उत्तर प्रदेश पुलिस बल को उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस में निरन्तर प्रशिक्षण लेने के साथ ही स्वयं को फॉरेंसिक, साइबर, आई0टी0, ए0आई0, रोबोटिक्स तथा ड्रोन से जुड़ी टेक्नोलॉजी में अपडेट करना होगा.
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री राजीव कृष्ण, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव आई0टी0 एवं इलेक्ट्रॉनिक्स श्री अनुराग यादव, ए0डी0जी0 तकनीकी सेवाएं श्री नवीन अरोड़ा, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के अपर सचिव श्री अभिषेक सिंह तथा उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट आफ फॉरेंसिक साइंस के निदेशक डॉ0 जी0के0 गोस्वामी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
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