
UP Legislative Council Election 2026 : उत्तर प्रदेश में अगले साल यानी 2026 में विधान परिषद के स्नातक और शिक्षक कोटे की कुल 11 सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं. इन सीटों में 5 स्नातक निर्वाचन क्षेत्र और 6 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं. इन सभी सदस्यों का वर्तमान कार्यकाल दिसंबर 2020 में शुरू हुआ था और यह 30 नवंबर 2026 को समाप्त होगा. चुनाव आयोग अपनी तैयारियां 2026 की शुरुआत में शुरू करेगा.
राजनीतिक दलों ने शुरू की तैयारी
चुनाव आयोग की घोषणा से पहले ही राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं.
- समाजवादी पार्टी (सपा) ने पांच सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है.
- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रणनीतिक बैठकें शुरू कर दी हैं.
- कांग्रेस पार्टी भी प्रत्याशियों के चयन और चुनाव रणनीति पर काम कर रही है.
सपा के प्रत्याशी
समाजवादी पार्टी ने पांच सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं:
- लखनऊ स्नातक सीट: कांति सिंह
- गोरखपुर-फैजाबाद शिक्षक सीट: कमलेश यादव
- वाराणसी-मिर्जापुर शिक्षक सीट: लाल बिहारी यादव
- खंड स्नातक सीट: आशुतोष सिन्हा
- इलाहाबाद-झांसी स्नातक सीट: मानसिंह यादव
स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की वर्तमान स्थिति
स्नातक कोटे की पांच सीटों पर वर्तमान एमएलसी हैं:
- लखनऊ: अवधेश कुमार सिंह (भाजपा)
- मेरठ: दिनेश कुमार गोयल (भाजपा)
- आगरा: डॉ. मनवेन्द्र प्रताप सिंह (भाजपा)
- वाराणसी: आशुतोष सिन्हा (सपा)
- इलाहाबाद-झांसी: मानसिंह यादव (सपा)
शिक्षक कोटे की स्थिति
शिक्षक कोटे की छह सीटों पर वर्तमान एमएलसी हैं:
- लखनऊ: उमेश द्विवेदी (भाजपा)
- मेरठ: श्रीचंद शर्मा (भाजपा)
- आगरा: आकाश अग्रवाल (निर्दल)
- वाराणसी: लाल बिहारी यादव (सपा)
- बरेली-मुरादाबाद: हरि सिंह ढिल्लों (भाजपा)
- गोरखपुर-फैजाबाद: ध्रुव कुमार त्रिपाठी (निर्दल)
चुनाव की राजनीति और संभावित मुकाबला
सपा ने अपनी ताकत दिखाने के लिए पांच सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, वहीं भाजपा और कांग्रेस रणनीति पर काम कर रही हैं. अगले साल के चुनाव राजनीतिक हलचल और मुकाबले के लिए दिलचस्प साबित होंगे. इस बार के चुनाव से यह साफ़ होगा कि उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी और विपक्षी दलों की ताकत किस हद तक चुनाव परिणामों पर असर डालती है.
रोमांचक मुकाबला और निर्णायक सीटों की टक्कर
उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव 2026 न सिर्फ़ राजनीतिक दलों की रणनीति और ताकत का आईना हैं, बल्कि यह राज्य की राजनीति में नई हलचल और रोमांच का संकेत भी दे रहे हैं। सपा ने पांच सीटों पर अपने मजबूत प्रत्याशी घोषित कर दी हैं, वहीं भाजपा और कांग्रेस भी मैदान में अपनी ताकत दिखाने की तैयारी में हैं। स्नातक और शिक्षक कोटे की कुल 11 सीटें अगले साल निर्णायक साबित होंगी और यह चुनाव तय करेगा कि कौन किस परचम लहराएगा.
राजनीतिक हलचल, प्रत्याशियों की टक्कर और सीटों की प्रतिस्पर्धा इस चुनाव को बनाती हैं यूपी की राजनीति का सबसे दिलचस्प और नज़दीकी मुकाबला. अगले साल का यह संघर्ष निश्चित रूप से दर्शकों और मतदाताओं के लिए रोमांचक और देखने लायक होने वाला है.
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