
गोरखपुर में मोतीराम अड्डा से एक ऐसी घटना सामने आ रही है जो सोचने पर मजबूर कर देगी कि आज के समाज में क्या थोड़ी सी भी इंसानियत बची है। दरअसल, मोतीराम अड्डा पावरहाउस के सामने फोरलेन पर बृहस्पतिवार की रात एक बुजुर्ग व्यक्ति की लाश को गाड़ियां रातभर रौंद-रौंद कर जाती रहीं पर किसी ने दो पल रूक कर उसको देखना या उसकी चिथड़े-चिथड़े हो चुकी लाश को हटाना मुनासिब नही समझा। वाहनों के रौंदने से शरीर के अंग इधर-उधर छितरा गए थे, लेकिन संवेदनहीनता की हद यह रही कि पुलिस को सूचना देना तक जरूरी नही समझा गया।
बता दें कि शुक्रवार की सुबह पुलिस को इस घटना की सूचना मिली जिसके बाद शव के टुकड़ों को एकत्र कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। शव की हालत इतनी बुरी हो चुकी थी कि उसके हाथ, पैर और सर का कुछ पता नही चल रहा था। आशंका है कि व्यक्ति की मौत हादसे में हुई होगी, लेकिन मौके पर साइकिल या कोई अन्य वाहन नहीं मिला है। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है।
शव के पास से पुलिस को 10 जोड़े पुराने कपड़े मिले। इस आधार पुलिस ने व्यक्ति को मानसिक रोगी बताकर पल्ला की पहचान की झाड़ लिया। मामला अफसरों के संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने शव के टुकड़ों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
एसपी नार्थ मनोज बताया कि प्रथम दृष्टया हादसा लग रहा है। पुलिस शव की पहचान की कोशिश कर रही है।
एसओ झंगहा गौरव कन्नौजिया ने बताया कि हादसा रात में दो बजे बाद होने की आशंका है। दो बजे तक बारिश नहीं हो रही थी और पुलिस गश्त पर थी। उस समय तक कोई भी इस तरह की घटना नहीं थी। शुक्रवार सुबह सूचना मिली और पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
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