
ECI Action : भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के 121 पंजीकृत राजनीतिक दलों को अपने रिकॉर्ड से हटा दिया है. इस सूची में बरेली स्थित इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) और संघर्ष समाज पार्टी जैसे दल भी शामिल हैं. इन दलों को अब लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951, आयकर अधिनियम 1961 और चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश 1968 के तहत मिलने वाले किसी भी प्रकार के लाभ नहीं मिलेंगे. हालांकि, उन्हें 30 दिनों के भीतर आयोग में अपील करने का अधिकार प्राप्त है.
आईएमसी ने पिछले छह वर्षों से किसी भी चुनाव में भाग नहीं लिया. आयोग ने हाल ही में इन राजनीतिक दलों से सफाई मांगी थी कि वे क्यों निष्क्रिय हैं. इसके जवाब में आईएमसी ने अपना पक्ष रखा और कहा कि वह आयोग द्वारा तय प्रक्रिया का पालन करेगा.
2000 में हुई थी स्थापना, 2012 में जीते थे चुनाव
आईएमसी के मीडिया प्रभारी मुनीर इदरीसी के अनुसार, पार्टी की स्थापना वर्ष 2000 में की गई थी. साल 2009 में इसने कांग्रेस के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था. उस दौरान कांग्रेस ने उन्हें अगले विधानसभा चुनाव में 25 सीटें देने का वादा किया था, जिसमें कांग्रेस ने 22 सीटों पर जीत हासिल की थी. लेकिन वर्ष 2012 में कांग्रेस ने यह वादा पूरा नहीं किया. इसके बाद आईएमसी ने प्रदेश की 17 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. उसी चुनाव में बरेली की भोजीपुरा सीट से शहजिल इस्लाम ने पार्टी के चुनाव चिन्ह पर जीत दर्ज की थी और उन्हें 20 हजार से ज्यादा वोटों का अंतर मिला था. अन्य सीटों पर भी पार्टी के प्रत्याशियों को अच्छी संख्या में वोट प्राप्त हुए थे.
मीडिया प्रभारी ने यह भी बताया कि कुछ दिन पहले पार्टी को निर्वाचन आयोग की ओर से नोटिस प्राप्त हुआ था, जिसके जवाब में उन्होंने आयोग के सामने अपना पक्ष प्रस्तुत कर दिया है. पार्टी अब आगे की प्रक्रिया का पालन करेगी.
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