घपलेबाजी का खेल देखिए साहब, ताजनगरी आगरा में विकास प्राधिकरण से 350 फाइलें गायब

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योगी सरकार उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने में जी जान से जुटी हुई है लेकिन सिस्टम में बैठे जिम्मेदार ही सरकार के मिशन को फेल करने से बाज नहीं आ रही है। भ्रष्टाचार के मामले में सुर्खियों का सरताज बन चुका आगरा विकास प्राधिकरण एक बार फिर अपने काले कारनामों के लिए चर्चा में है। आगरा विकास प्राधिकरण में बैठे जिम्मेदारों ने एक बार फिर घपलाकांड कर डाला है। इस बार प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों ने ऐसा कारनामा किया है जिसने पूरी ताजनगरी को हिला कर रख दिया है। बता दें आगरा विकास प्राधिकरण के कार्यालय से प्रापर्टी से जड़ी एक नहीं, दो नहीं, बल्कि पूरी 350 फाइलें गायब हो गई है और इसके जिम्मेदार अधिकारी नींद में सोते रहे।

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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सरकारी फाइलें

बता दें पूरा मामला ताजनगरी आगरा का है। जहां पर विकास प्राधिकरण यानी पूरे शहर का समुचित विकास कराने कि जिम्मेदारी इसी विभाग के अंतर्गत आता है। वहां से 350 सरकारी फाइलें चोरी हो गई है। इस घटना के बाद से अब यही विभाग खुद ही विवादों के घेरे में आ गया है। ताजनगरी में आगरा विकास प्राधिकरण हमेशा से चर्चाओं में पहले से ही रहा है।  अब दोबारा से एक आगरा विकास प्राधिकरण में प्रॉपर्टी को फाइल चोरी होने से हड़कंप मच गया है। जाहिर सी बात है फाइलों को महफूज रखने के लिए जिन हाथों में सौंपा गया था अब अगर वही हाथ चोरी पर आमादा हो जाएं, तो फाइलों का गायब हो जाना लाजिमी है।

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एडीए वीसी राजेंद्र पैंसिया ने बताया की फाइलों का डिजिटिलाइजेशन करने के आदेश दिए थे,जिसके बाद स्क्रीनिंग में इस बात का खुलासा हुआ है। इस पूरे मामले को लेकर एक कर्मचारी को सस्पेंड किया गया है।  जबकि अन्य कर्मचारियों की भूमिका की जांच चल रहीं है। इस पूरे मामले पर जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई जाएगी। सूत्रों की माने तो इन सारी फाइलों का सीधा संबंध बड़े बड़े बिल्डर्स से है। इतना ही नहीं कई फाइल्स तो उन प्रॉपर्टीज की हैं जिन पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर रखा है।

रिपोर्ट: मनीष गुप्ता