
किसान आंदोलन में मोदी सरकार को बैक फुट पर लाने वाले किसान नेता राकेश टिकैत अब खुद ही बैक फुट पर नजर आ रहे है। जिस राकेश टिकैत के नाम से देशभर में भाकियू को जाना गया आज उन्हें ही संगठन से अब बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। बता दें चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की बनाई गई भारतीय किसान यूनियन (BKU) में उनकी पुण्यतिथि के ही दिन दो भाग में बंट गई है। खबरों की माने तो भारतीय किसान यूनियन (BKU) में फूट पड़ने की सबसे बड़ी वजह खुद राकेश टिकैत को ही माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले कुछ समय से ये साफ देखा जा रहा है की संगठन के असली मुद्दों को छोड़कर राकेश टिकैत पूरी तरह से राजनीति करने में जुटे हुए दिखाई दे रहे थे।
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान के नेतृत्व में एक नई भाकियू (अराजनैतिक) संगठन बनाया गया है। साथ ही भारतीय किसान यूनियन (BKU) के पूर्व अध्यक्ष राकेश टिकैत को अब बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। जिसमें राजेश सिंह चौहान को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है।
क्यों दिखाया गया बाहर का रास्ता?
ऐसे में किसानों के बीच ये सबसे बड़ा सवाल उठता हुआ दिखाई दे रहा था कि किसानों की हित की आवाज अब कौन उठाएगा। इस वजह से भारतीय किसान यूनियन (BKU) में अब दो फाड़ होता हुआ दिखाई देने लग गया। हालांकि आज संगठन के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए राजेश सिंह चौहान को बनाने का फैसला लिया गया ताकि किसानों की हित की बात समाज और सरकार दोनों तक सही से उठ सकें। बता दें भारतीय किसान यूनियन (BKU) का नया अध्यक्ष चुने जाने के बाद राजेश सिंह ने प्रेस वार्ता किया जिसमें उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा की कुछ लोग संगठन के हित की बाते छोड़कर किसी एक राजनीतिक दल से प्रेरित दिखाई दे रहे थे। उन्होंने कहा की हमारा काम किसान की आवाज को उठाना और उनके लिए लड़ाई लड़ना है।
ऐसे में कहना है कि कार्यकारिणी ने फैसला लिया है कि मूल भारतीय किसान यूनियन (BKU) की जगह अब भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) को बनाया गया है।