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ये हैं वो 5 खिलाड़ी जो वर्ल्ड कप 2023 में लाएंगे भूचाल, पढ़ें

विंडीज के खिलाफ T-20 सीरीज में मिली शर्मनाक शिकस्त के बाद हार्दिक पंड्या के रवैये पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ 3-2 से T-20 सीरीज हारने के बाद कप्तान हार्दिक पंड्या ने कहा कि कई बार हारना अच्छा होता है। इससे आपको काफी कुछ सीखने के लिए मिलता है। हमारे पास T-20 वर्ल्ड कप से पहले चीजों को बेहतर करने के लिए काफी समय है।

 भारत के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने इस बयान को गैर-जिम्मेदाराना करार दिया है। हार्दिक पंड्या की कप्तानी में टीम इंडिया पहली दफा किसी सीरीज में 3 T-20 इंटरनेशनल मैच हार गई। इसके पहले कोई भारतीय कप्तान यह कारनामा नहीं कर सका था। कोच राहुल द्रविड़ ने शिकस्त के बाद कहा कि यह एक यंग टीम है और क्रिकेट में ऊपर-नीचे होता रहता है।

पांचवें T-20 में टीम इंडिया ने निर्धारित 20 ओवर में 9 विकेट खोकर 165 रन बनाए। जवाब में 12 गेंद शेष रहते विंडीज ने 2 विकेट गंवाकर 171 रन पूरे कर लिए। इस मैच में कप्तानी के अलावा हार्दिक का प्रदर्शन भी उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा। वह छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए थे, जब भारत का स्कोर 10.2 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर 87 रन था।

 उनके साथ अच्छी लय में दिख रहे सूर्यकुमार यादव खेल रहे थे। ऐसे में हार्दिक से बड़ी साझेदारी बनाने की उम्मीद थी। पर वह 18 गेंद पर 77.78 की स्ट्राइक रेट से 14 रन बनाकर चलते बने। साझेदारी बनाने की जगह हार्दिक धीमा खेल गए, जिससे दूसरे बल्लेबाजों पर दबाव और बढ़ गया।

संजू सैमसन को लेकर लंबे अरसे से कहा जाता रहा है कि वह भी रोहित शर्मा की ही तरह प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। धोनी ने जिस तरह हिटमैन को अवसर दिया, अगर इसी तरह रोहित संजू को मौका देंगे तो यह खिलाड़ी बेहतरीन प्रदर्शन कर सकता है। पर संजू सैमसन ने इस T-20 सीरीज में मिले मौके को दोनों हाथों से गंवाया।

पांचवें टी-20 में वह 9 गेंद पर 13 ही रन बना सके। संजू पहले T-20 में 12 और दूसरे T-20 में 7 रन बनाकर पवेलियन लौट गए थे। तीसरे और चौथे T-20 में संजू की बल्लेबाजी आए बगैर भारत ने टारगेट चेज कर लिया था। ऐसे में अब इस बल्लेबाज के लिए वर्ल्ड कप की राह मुश्किल नजर आ रही है।

हाँ, सूर्यकुमार यादव जरूर नंबर 4 के लिए मजबूत दावेदार के तौर पर उभरे हैं। वह केएल राहुल और श्रेयस अय्यर के साथ इस पोजिशन के लिए मुकाबला करेंगे। पहले T-20 में 21 गेंद पर 21 रन और दूसरे T-20 में 1 के निजी स्कोर पर रन आउट होने के बाद सूर्यकुमार यादव ने मजबूत वापसी की।

सूर्या ने तीसरे T-20 में 44 गेंद पर 188.64 की स्ट्राइक रेट के साथ ताबड़तोड़ 83 रन जड़ दिए। उन्होंने अपनी पारी में 10 चौके और 4 छक्के लगाए। चौथे T-20 में सूर्यकुमार यादव की बल्लेबाजी नहीं आई और पांचवें T-20 में जब बाकी बल्लेबाज पीठ दिखाकर वापस जा रहे थे, सूर्या ने 45 गेंद पर 4 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 61 रनों की पारी खेली।

सूर्यकुमार यादव के अलावा मुंबई इंडियंस के लिए खेलने वाले तिलक वर्मा ने भी अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया। जब सीरीज के पहले 2 मुकाबलों में बाकी बल्लेबाज अच्छा नहीं कर सके, तिलक ने 22 गेंद में 39 और 41 गेंद में 51 रनों की पारी खेली। तीसरे T-20 में तिलक वर्मा ने 37 गेंद पर 49 रनों की नाबाद पारी खेली। इसी मैच में भारत को जीत के लिए 14 गेंद पर 2 रन चाहिए थे और हार्दिक ने छक्का जड़कर मैच खत्म कर दिया था।

तिलक अपना अर्धशतक पूरा नहीं कर पाए थे। चौथे T-20 में तिलक 7 रन बनाकर नाबाद रहे और अंतिम T-20 में उन्होंने 18 गेंद पर 3 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 27 रन बनाए। तिलक वर्मा ने सीरीज में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा 173 रन बनाए।

अंतिम टी-20 में 4 ओवर में बगैर विकेट चटकाए 51 रन लुटा कर युजवेंद्र चहल ने खुद को वर्ल्ड कप की रेस से लगभग बाहर कर लिया है। इस मैच में कुलदीप यादव ने 4 ओवर में 18 रन दिए। उन्हें सफलता नहीं मिली लेकिन विंडीज बल्लेबाज उनपर आक्रमण का जोखिम नहीं उठा सके। कुलदीप यादव ने सीरीज के 4 मुकाबले खेलकर 6 विकेट हासिल किए और ODI वर्ल्ड कप की प्लेइंग XI में मजबूत दावेदारी पेश कर दी।

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