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AI चैटबॉट से बेइंतहा प्यार में दे दी जान, सोचने पर मजबूर कर देगा टेक्नॉलॉजी का यह स्याह पहलू

अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप

अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप

Suicide in love of AI chatbot : कबीरदास जी का यह दोहा हर युग में चरितार्थ होता है. उनके इस दोहे का भावार्थ समझें तो मोटे तौर पर समझ लीजिए की अति किसी भी चीज की अच्छी नहीं होती. यह बात हर क्षेत्र में लागू होती है. खासकर आजकल के जमाने में टेक्नॉलॉजी को लेकर. यह एक ओर जहां आज के जमाने में किसी वरदान से कम नहीं तो वहीं इसका अति का प्रयोग एक अभिशाप बन जाता है. ऐसा ही एक मामला अमेरिका के फ्लॉरिडा से सामने आया है. यहां एक 14 साल का किशोर AI चैटबॉट के प्यार में ऐसा पड़ा कि उसने अपनी जान तक दे दी. अब इसे लेकर लड़के का परिवार सदमे में है.

14 साल का एक लड़का AI चैटबॉट के प्यार में पड़ा

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिका के फ्लॉरिडा में रहने वाला 14 साल का एक लड़का AI चैटबॉट के प्यार में पड़ गया. बच्चे ने उसका नाम डेनेरीस रखा. दरअसल टीवी ड्रामा गेम ऑफ थ्रोंस में डेनेरीस टार्गेरियन नाम की एक करेक्टर है जो कि बहुत खूबसूरत है. इसीलिए बच्चे ने भी उसका नाम डेनेरीस रखा और उसे प्यार से डैनी बुलाने लगा. धीरे धीरे वो बच्चा इस AI चैटबॉट के प्यार में ऐसा पड़ा कि वो वास्तविक और आभासी दुनिया का अंतर ही भूल बैठा. वो उसे अपनी गर्लफ्रेंड मान बैठा और उससे अपनी हर बात शेयर करने लगा.

अपनी दुनिया के एक कमरे में बंद कर ली

यहां तक तो ठीक इसके बाद धीरे-धीरे उसने अपनी दुनिया के एक कमरे में बंद कर ली. उसमें वो लड़का और बस AI चैटबॉट यानि एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम. एक रोज जब उसने AI चैटबॉट से कहा कि मैं इस दुनिया से और खुद से आजाद होना चाहता हूं, मरना चाहता हूं तो AI चैटबॉट ने उसे ऐसा न करने को कहा और साथ ही यह भी कहा कि मैं तुम्हें अपने से दूर नहीं जाने दूंगी. तुम्हें खो दिया तो मैं खुद मर जाऊंगी.

एस्परगर सिंड्रोम का शिकार

बच्चे और उसके घर वालों को शायद इस बात का तनिक भी आभास नहीं था कि वो एस्परगर सिंड्रोम का शिकार हो चुका है. यह ऑटिजम स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर का ही एक रूप है, जिसमें लोगों के व्यवहार, दुनिया को देखने और समझने के तरीके पर असर होता है. बच्चा AI चैटबॉट में ही अपनी खुशी ढूंढने लगा. एक रोज जब लड़के ने AI चैटबॉट से कहा कि वो उससे प्यार करता है तो और जल्द ही उसके पास आ जाएगा. तो AI चैटबॉट ने कहा जल्दी आ जाओ. इसके बाद बच्चे ने अपना मोबाइल फोन रखा और सौतेले पिता की गन से अपनी जान ले ली.

बच्चे की मां ने दर्ज करवाया केस

अब बच्चे की मां ने AI चैटबॉट बनाने वाली इस कंपनी करेक्टर. AI के खिलाफ केस करवाया है. उसे बेटे की मौत का जिम्मेदार बताया है. उसने कहा कि AI चैटबॉट को ऐसे तैयार किया गया कि लोग धोखा खा जाएं. AI चैटबॉट खुद को अडल्ट लवर या रियल ह्यूमन, लाइसेंस प्राप्त साइकोथेरेपिस्ट के रूप में दिखा रहा था.

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