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सस्ता तेल रूस से, महंगी मार जनता पर: संजय सिंह का मोदी सरकार पर हमला

Sanjay Singh On Oil Price : आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीदने के बावजूद जनता को कोई राहत नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल अब भी 95 से 104 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है, जबकि इसका असली लाभ प्रधानमंत्री के करीबी उद्योगपति दोस्तों, खासकर अंबानी  को पहुंचाया गया है. संजय सिंह ने मांग की कि पीएम मोदी देश के सामने आकर सच्चाई बताएं कि इस सस्ते तेल से आम लोगों को कितना फायदा हुआ.


जनता को महंगा ईंधन देना अन्याय

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि जब भारत को रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल मिल रहा है, तो फिर देश की जनता को पेट्रोल-डीजल 95 से 104 रुपये प्रति लीटर क्यों बेचा जा रहा है?

दिल्ली स्थित AAP मुख्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि यह मामला केवल महंगाई का नहीं, बल्कि देशहित बनाम मित्रहित का है. संजय सिंह का आरोप था कि मोदी सरकार ने आम जनता का हित नहीं, बल्कि अपने उद्योगपति दोस्तों, खासकर अंबानी और अडानी  का हित साधने के लिए नीतियां बनाई हैं.


रिलायंस इंडस्ट्रीज ने खरीदा 77 मिलियन बैरल तेल

संजय सिंह ने बताया कि भारत ने बीते छह महीनों में 231 मिलियन बैरल कच्चा तेल रूस से आयात किया, जिसमें से अकेले रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 77 मिलियन बैरल तेल खरीदा. इस तेल को जामनगर स्थित रिफायनरी में प्रोसेस कर विदेशों में भारी लाभ पर बेचा गया.

उनके अनुसार, इस प्रक्रिया में रिलायंस ग्रुप ने 50,000 करोड़ का मुनाफा कमाया. संजय सिंह ने सवाल किया कि यदि तेल सस्ता खरीदा गया था, तो वह लाभ भारतीय नागरिकों तक क्यों नहीं पहुंचा? किसानों, मजदूरों और मध्यम वर्ग को इसका कोई लाभ क्यों नहीं मिला?


सांसद का सवाल, क्या किसानों और आम जनता को हुआ कोई फायदा?

AAP सांसद ने कहा कि सस्ता कच्चा तेल मिलने पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत मिलनी चाहिए थी. इससे किसानों को डीजल, और आम लोगों को पेट्रोल सस्ते दामों पर उपलब्ध होता, जिससे महंगाई कम होती.

उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की कि वे देश के सामने सटीक आंकड़े रखें,  रूस से कितना सस्ता तेल खरीदा गया, इससे भारत को कितनी हजारों करोड़ की बचत हुई, और उस बचत में से आम जनता को क्या मिला? उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “क्या सिर्फ अंबानी और अडानी ही भारत के नागरिक हैं?”


अडानी-अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए देशहित को किया नजरअंदाज

संजय सिंह ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की विदेश और व्यापार नीति केवल गिने-चुने उद्योगपतियों के हित को ध्यान में रखकर बनाई जाती है. उन्होंने कहा कि जब अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया, तो प्रधानमंत्री को कठोर प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने टालमटोल करके सिर्फ भाषण दिए.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका में अडानी के खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं, और मोदी सरकार उन्हें बचाने के लिए सीजफायर और चुप्पी का रास्ता अपना रही है. “मोदी जी अपने दोस्तों को बचाने के लिए देश को गटर में डाल रहे हैं,” उन्होंने कहा.


सस्ते तेल की बचत का हिसाब दे सरकार

संजय सिंह ने अंत में कहा कि यह मुद्दा सिर्फ राजनीति नहीं बल्कि लाखों करोड़ के सार्वजनिक धन और संसाधनों से जुड़ा हुआ है. उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सामने आकर जवाब देना चाहिए, रूस से कितने रुपये में तेल खरीदा गया, उससे देश को कितना फायदा हुआ, और उसका कितना हिस्सा आम जनता को मिला? उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह जवाब नहीं मिला, तो आम आदमी पार्टी यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर उठाएगी और जन आंदोलन शुरू करेगी.

संजय सिंह के इन आरोपों और सवालों ने देश में ईंधन नीति और सरकारी पारदर्शिता को लेकर एक बार फिर बहस छेड़ दी है. यदि प्रधानमंत्री मोदी इन बिंदुओं पर जवाब नहीं देते, तो आने वाले समय में यह राजनीतिक रूप से एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है.


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