रेवती रेलवे स्टेशन पर सुविधाओं की बहाली के लिए अनशन पर बैठे अनशनकारियों की सातवें दिन बिगड़ी तबियत

REOTI Railway Station

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REOTI Railway Station: नमक नीबू और पानी पर शुरू हुआ अनशन जिला अस्पताल के बेड पर पहुंचा। दरअसल बलिया जनपद के रेवती रेलवे स्टेशन को 2021 में रेलवे के द्वारा हाल्ट स्टेशन कर दया गया था, नतीजन एक स्टेशन को मिलने वाली लगभग सभी सुविधाएं खत्म हो गयी। एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव बन्द हो गया, यात्रियों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। अनगिनत बार स्थानीय लोगों द्वारा रेवती को पूर्व स्टेशन का दर्जा देने की मांग को लेकर आंदोलन और प्रदर्शन किया गया, लेकिन अब तक न तो रेलवे प्रशासन ने सुध लिया और न ही सरकार से कोई आश्वाशन मिला।

अनिश्चित कालीन अंशन

बीते सात दिनों से एक बार फिर 3 छात्र नेताओं ने रेवती रेलवे स्टेशन को दर्जा दिलाने के लिए अनिश्चित कालीन अंशन शुरू कर दिया, जिसमें सूरज यादव और पीयूष पांडेय की तबियत अनशन के सातवें दिन खराब हो गयी। दोनों को तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका उपचार चल रहा है। इस दौरान सूरज यादव ने बताया कि हमारी और हमारे साथी की तबियत काफी ज्यादा खराब हो गयी है।

स्वतंत्रता से जुड़ा इतिहास

अस्पताल में इलाज करा रहे अनशनकारियों ने कहा रेवती स्टेशन को जबतक बहाल नहीं किया जाएगा, तब तक हमारा आंदोलन और अनशन जारी रहेगा। रेवती रेलवे स्टेशन का देश की स्वतंत्रता में अपना एक इतिहास है, आप को बताते चले कि देश की आजादी से 5 साल पूर्व ही बागी बलिया के लोगों ने बलिया को अंग्रेजों से आजाद करा दिया था। उसी दौरान जनपद का पहला स्वराज सरकार रेवती रेलवे स्टेशन पर बना था, जो इतिहास के पन्नो में दर्ज है। लेकिन, आज रेवती रेलवे स्टेशन का दर्जा छीन कर हाल्ट बना दिया गया। जिसके कारण ट्रेन यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों में आक्रोश है, जिससे स्टेशन का दर्जा दिलाने की मांग आज भी जारी है।

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