
Tamil Nadu : केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चेन्नई में ‘तिरुमुरई तिरुविझा’ उत्सव में हिस्सा लिया। इस दौरान सिंह ने कहा कि देश की एकता पर प्रश्न उठाना एक बुरा विचार है। राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि जो विघटनकारी और अलगाववादी प्रवृत्तियां उभरी हैं, उन्हें पीएम मोदी के द्वारा प्रभावी ढंग से संबोधित किया जा रहा है। सिंह ने कहा कि पीएम मोदी हमारी सांस्कृतिक एकता के राष्ट्रीय ताने-बाने को सक्रिय रूप से मजबूत कर रहे हैं। उनके दूरदर्शी नेतृत्व के कारण पूरा देश शारीरिक और भावनात्मक रूप से एक साथ आया है।
राजनाथ सिंह ने क्या कहा?
राजनाथ सिंह ने कहा कि हाल के दिनों में भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता के मूलभूत पहलुओं को चुनौती देने के लिए एक मजबूत अभियान चलाया गया है। कुछ शरारती तत्व लगातार इस धारणा का प्रचार करते हैं कि भारत एक राष्ट्र नहीं है, बल्कि केवल अलग-अलग राज्यों का एक संघ है। उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रीय और सांस्कृतिक पहचान को लेकर यह भ्रामक जानकारी ऐतिहासिक रूप से गलत है। इस प्रकार या तो यह भारतीय संदर्भ में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की समझ की कमी को दिखाता है या सभी भारतीय चीजों के लिए गहरी नफरत को उजागर करता है।
दक्षिण भारत ने हमारी भारतीय संस्कृति को संरक्षित किया
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि पीएम मोदी ने भारतीय पहचान में तमिल लोगों और उनकी समृद्ध संस्कृति के योगदान पर लगातार जोर दिया है। महान तमिल परंपराओं के प्रति उनका गहरा व्यक्तिगत संबंध और भावनात्मक लगाव हर कोई जानता है। तमिल परंपराओं के प्रति पीएम मोदी की प्रतिबद्धता भारतीय लोकतंत्र के मंदिर नई संसद में पवित्र सेंगोल को प्रतिष्ठित करने की उनकी पहल में परिलक्षित होती है। रक्षा मंत्री ने कहा कि दक्षिण भारत ने हमारी भारतीय संस्कृति को संरक्षित किया है।