‘भाजपा और राजद उतने ही बड़े पलटूमार, जितने बड़े नीतीश कुमार’

PK on Bihar Politics

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PK on Bihar Politics: राजनीतिक रणनीतिकार और जन सुराज पद यात्रा प्रमुख प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार और बिहार की पूरी राजनीतिक व्यवस्था को पलटूमार करार दिया। उन्होंने कहा, शायद मैं एक मात्र व्यक्ति रहा हूं जो कैमरे पर पिछले एक साल में कई बार कहता रहा हूं कि नीतीश कुमार कभी भी पलट सकते हैं. हर जगह मैंने ये कहा है। वह बोले, भाजपा और राजद दोनों उतने ही बड़े पलटूमार हैं जितने बड़े नीतीश कुमार हैं।

‘आज की घटना नीतीश के संदर्भ में नहीं’

उन्होंने कहा, यह उनकी राजनीति का हिस्सा है। लेकिन आज जो घटना हुई है वो नीतीश कुमार के संदर्भ में नहीं हैं। नीतीश कुमार पलटूराम हैं या पलटूराम नेताओं के सरदार हैं ये तो बात पहले से जनता जानती है। आज की जो घटना हुई है उसने ये दिखाया कि पूरे राज्य में जितने नेता हैं सब पलटूमार हैं। आज यह भी तय हुआ कि नरेंद्र मोदी, अमितशाह और भाजपा वाले भी उतने ही बड़े पलटूमार हैं।

‘पूरी राजनीतिक व्यवस्था पलटूमार’

उन्होंने बीजेपी के बारे में कहा कि, वो अभी दो महीना-चार महीना पहले कह रहे थे कि नीतीश कुमार के लिए बिहार में भाजपा का दरवाजा बंद हैं। ये पलटूमार पूरी राजनीतिक व्यवस्था है। चूंकि जो भाजपा के कार्यकर्ता कल तक नीतीश कुमार को गाली दे रहे थे आज वही उन्हें सुशासन की प्रतिमूर्ति बताने लगेंगे।

‘अब राजद को दिखने लगेगा भ्रष्टाचार’

वह बोले, ये पलटूमार व्यवस्था इसीलिए है कि आज तक राजद जो उन्हें सुशासन और भविष्य का नेता बता रही थी अभी आज शाम होते होते वो फिर नीतीश कुमार को गाली देंगे। उनको शराबबंदी में माफिया गिरी दिखने लगेगी। भ्रष्टाचार उनको दिखने लगेगा। अभी सुबह तक नहीं दिख रहा था।

‘नीतीश ने अपने रंग में रंग दी बिहार की राजनीति’

उन्होंने कहा, तो नीतीश कुमार पलटूमार हैं ये पूरी दुनिया जानती है। ये अब कोई बहस या डिस्कवरी का मुद्दा नहीं है। इस घटना ने यह दिखाया कि नीतीश कुमार ने अपने ही रंग में यहां की पूरी राजनीतिक व्यवस्था को रंग दिया है। जिसमें भाजपा और राजद दोनों उतने ही बड़े पलटूमार हैं जितने बड़े नीतीश कुमार हैं।

पहले भी कही थी ये बात

वहीं अगर बात प्रशांत किशोर के पुरान बयानों की करें तो एक बार प्रशांत किशोर ने कहा था कि नीतीश कुमार कोई भी बात बिना मतलब नहीं कहते। वहीं कर्पूरी ठाकुर की जन्मशताब्दी समारोह में जब नीतीश कुमार ने परिवारवाद पर वार किया तो कहीं न कहीं प्रशांत किशोर की यह बात सच होती नजर आई। इसके बाद बिहार में राजनीतिक उथल पुथल शुरू हो गई और  आखिरकार मौजूदा महागठबंधन की सरकार गिर गई। नीतीश कुमार एनडीए के साथ चले गए।

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